Class 12 Geography सबसे महत्वपूर्ण भौगोलिक शब्द list

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सबसे महत्वपूर्ण भौगोलिक शब्द list



भौगोलिक शब्द का अर्थ

भौगोलिक शब्द का अर्थ के अंतर्गत आज हम महत्वपूर्ण भौगोलिक शब्द के बारे में एक एक करके उनकी परिभाषा के बारे में विस्तार से जानेंगे , तो अब शुरू करते है।

दर्रा (Pass)

दर्रा (Pass) – पर्वतों या पहाड़ी छेत्रों को आर-पार करने के लिए बड़ी बड़ी पहाड़ी सँकरे और प्राकृतिक मार्ग, जिससे होकर उन पर्वतों को पार किया जाता है, वही संकीर्ण रास्ता दर्रा कहलाता हैं।इस मार्ग से यात्री, परिवहन, व्यापार करने वाले व्यापारी अपने सामान , युद्ध करने वाले सैनिक अपने जरूरतों के सामान का आदान प्रदान करते है इस प्रकार के दर्रे मानवीय प्रवास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

बुग्याल

बुग्याल :- उत्तराखण्ड के गढ़वाल हिमालय में हिमशिखरों की तलहटी में जहाँ टिम्बर रेखा (यानी पेडों की पंक्तियाँ) समाप्त हो जाती हैं, वहाँ से हरे मखमली घास के मैदान आरम्भ होने लगते हैं। … गढ़वाल हिमालय में इन मैदानों को बुग्याल कहा जाता है।
बुग्याल हिम रेखा और वृक्ष रेखा के बीच का क्षेत्र होता है।

झील (Lake)

झील (Lake):- प्रकृति द्वारा या मानव निर्मित विशाल जलाशय को झील कहते है , जहाँ का जल स्थिर रहता है ,और जिसके चारो ओर भूभाग या तो कहे धरातल होती है , झील कहलाता है।

अंतरदेशीय सागर (Inland sea)

अंतरदेशीय सागर (Inland sea):- प्रकृति द्वारा निर्मित एक ऐसा स्थिर जलाशय जो झील से कई गुना बड़ी होती है , और इनके चारों ओर भूभाग होती है।

सबसे महत्वपूर्ण भौगोलिक शब्दकोश

अप्रवाही जल (Backwaters):- अप्रवाही जल एक ऐसा जल जो समुद्र के लहरों के प्रेशर से समुद्र के किनारे भाग से होकर कुछ जल दूसरे तरफ चला जाता है और वह जल समुद्र में वापस नहीं लौटता है,दूसरी तरफ झील जैसा आकृति बन जाती है,।

लैगून (Lagoon)

यह समुद्री जल का एक ऐसा विस्तार है जो समुद्र से रास्ता है या पूर्णता एक पतली स्थल पट्टी द्वारा अलग हो गया है, यह मुख्य भूमि और स्थल पट्टी के बीच समुद्र की पानी का झील सा बन जाता है जैसे भारत में पुलीकट झील इस प्रकार का झील है।

जब समुद्र क्षेत्र के तटीय क्षेत्र का पानी समुद्र का क्षेत्र है इसके तटीय क्षेत्र का पानी स्थल भाग में घुस जाता है और घुसने के बाद धीरे-धीरे बालू का अवरोध खड़ा कर देता है तो यह क्षेत्र का जो जलीय भाग है वह समुद्र अलग हो जाता है।

नहर (Canal)

नहर (Canal) :- नहर एक ऐसी नदी है जो सिंचाई या यातायात के उदेश्य से मानव द्वारा निर्मित है नहर का निर्माण हर जगह छोटी बड़ी की गई है।

बंदरगाह (port)

बंदरगाह (port):- जलयानों व जहाजों के तट पर आने- जाने व ठहरने के स्थान को बंदरगाह बोलते हैं। बंदरगाह प्राकृतिक रूप में पाये जाते हैं तथा इनका निर्माण भी किया जाता है। ये वे स्थान है जहाँ जहाजों को सुरक्षित रखा जाता है।प्राकृतिक बंदरगाह में जल की गहराई अधिक होतीहै। प्राकृतिक के लिए तटरेखा का कटा-फटा होना जरूरी है।

सबसे महत्वपूर्ण भौगोलिक शब्दावली

पतन

पतन:- समुद्र तट कावह अन्तः स्थल जहाँ जहाज में माल उतारने एवं चढ़ाने का कार्य करते हैं। पत्तन का केवल निर्माण किया जाता है। यह प्राकृतिक नहीं होते। यहाँ जहाज अधिक दिन तक खड़ा नहीं रह सकते बल्कि आते-जाते रहते हैं। पत्तन में जल की गहराई अधिक नहीं होती। पत्तन के लिए तटरेखा का कटा-फटा होना जरूरी नही है।

मुहाना (estuary):- नदी का पानी जिस स्थान पर समुद्र में मिलती है उस जगह को मुहाना कहा जाता है।

डेल्टा (Delta)

डेल्टा (Delta) भूमि का वह भाग जो एक त्रिभुज के आकार होता है, जहाँ पर एक नदी या झीलका पानी समुद्र में मिलने से पहले कई छोटे नदियों में बट जाती है।उसके बाद नदी में मिलती है ।

नदी मुहाना (River estuary)जब नदी का स्वच्छ जल सागर से मिलता है तब वह नदी का मुहाना
कहलाता है।हमारे भारत देश में नर्मदा नदी एवं ताप्ती नदी, का मुहाना बनाती हैं।

जंगल (Forest) :-पृथ्वी के जिस भाग में अत्यधिक मात्रा में वनस्पति पाई जाती है वह जंगल या वन कहलाती है , वनस्पति अलग जगहों पर अलग अलग पाई जाती है ,कही घनी तो कही विरल , कहीं वनस्पति ऊँची तो कही छोटी होती है।

गुफा (Cave):- पृथ्वी में ऐसी जगह जो धरती के नीचे या पहाड़ों पर होती है जहां पर मनुष्य आसानी से प्रवेश कर सकता है उससे गुफा कहते हैं अगर उसमे मनुष्य प्रवेश नहीं कर पाता है उसे गुफा नहीं कहेंगे ,वैसे छोटी गुफा को बिल कहा जा सकता है जिसमें जानवर प्रवेश करते हैं।

द्वीप पुंज (Island pool):- द्वीपों के छोटे बड़े समूहों को द्वीप पुंज या द्वीप समूह कहते है।

लाईट हाउस (Light House):- लाइटहाउस किसने बनाया जिस प्रकार सड़कों पर लगे साइन बोर्ड स्कूल चौराहे मोड या खतरे के स्थान के विषय में ट्रक बस और कार चालकों को मार्गदर्शन करते हैं ठीक उसी प्रकार समुंदरों में जहाजों का मार्गदर्शन करने के लिए प्रकाश दम बने होते हैं हर समुद्री रास्ते पर ऊंची ऊंची मीनारों के रूप में बने प्रकाश स्तंभों पर रोशनी चमकती रहती है जिनके द्वारा जलयान चालकों को और मछुवारों को समुंदर में अपनी स्थिति का ज्ञान रहता है स्तम्भों द्वारा बंदरगाह और खतरे के स्थानों का भी पता लग जाता है।

द्वीप (The island):- धरती का ऐसा खंड जिसके चारों ओर समुद्र का पानी फैला रहता है ऐसे धरती के खंड को या भू -भाग को द्वीप कहते हैं, द्वीप कई वर्ग मीटर से कई हजार मीटर तक फैले हुए रहते हैं दुनिया में अनेक द्वीप हैं

प्रायद्वीप (Peninsula) :-धरती का ऐसा भू भाग जो तीन तरफ समुद्र से घिरा हुआ हो उसे प्रायद्वीप कहते है।

भूखण्ड (The plot):- पूरी पृथ्वी पर धरती के खण्डों को भू-खण्ड कहा जाता है।

सबसे महत्वपूर्ण भौगोलिक शब्दावली

चट्टान (Rock) :-भूपटल के ऊपरी भाग पर स्थित सभी कठोर एवं मुलायम पदार्थ चट्टान कहलाते हैं, जैसे -बालू, पत्थर, मिट्टी आदि। अर्थात् या तो कहे की भूपटल के ऊपर वे सभी पदार्थ, जिसमें खनिज अयस्क नहीं हैं, चट्टानें / पत्थर कहलाती हैं।

खाड़ी ( bay) :-ऐसा भाग है जो स्थलों के भीतर घुसा है अर्थात समुंदर का वह भाग जो तीन तरफ से स्थलों से घिरा हो परंतु एक तरफ सागरों से मिला हो तब ऐसे ही सागरीय भाग को हम खाड़ी कहते हैं।

जलप्रपात (Waterfall):- नदी के रास्ते पर नदी का पानी कहीं पर अत्यधिक ऊंची स्थानों से खड़ी गिरती है, ।तो उसे जलप्रपात कहते हैं, इसका निर्माण समतल के क्षेत्र में नहीं हो सकती है, जलप्रपात का निर्माण पहाड़ी क्षेत्रों में होती है, पहाड़ी क्षेत्र में नदी के रास्ते पर कई जगह खड़ी ढाल आ जाती है, वही ढाल से नीचे जब पानी तेज गति से नीचे गिरती है उसे जलप्रपात कहते हैं।

भौगोलिक शब्द का अर्थ विस्तार में

घाटी (valley):- घाटी पृथ्वी पर स्थित दो या दो से अधिक पहाड़ियों के बीच बने खाई को घाटी कहा जाता है घाटी से होते हुए छोटी बड़ी नदी गुजरती है पूरी धरती में इस तरह के पहाड़ों से बनी अनेक घाटी है, हमारे भारत देश में हिमालय क्षेत्र में घाटी पाई जाती है।

ज्वालामुखी (Volcanoj

ज्वालामुखी भूपटल पर वह प्राकृतिक छिद्र या दरार है, जिससे होकर पृथ्वी के आंतरिक भाग से पिघला हुआ पदार्थ जैसे लावा, राख, जलवाष्प , पत्थर के टुकड़े तथा अन्य गैसे निकलती है।

सक्रीय ज्वालामुखी (Active volcano):- ऐसा ज्वालामुखी जिसके मुख से हमेशा धूल, धुआ, वाष्प, गैसे, पत्थर के छोटे व बडे टुकडे, लावा आदि पदार्थ बाहर निकलते रहते हैं, उसे ‘सकीय ज्वालामुखी’ कहते है।

प्रसुप्त ज्वालामुखी (Dormant volcane);- ऐसा ज्वालामुखी जो बीते समय में उदगार नही हुआ है, लेकिन आनेवाले समय में कभी भी उद्गार हो सकता है, ऐसे ज्वालामुखी को ‘प्रसुप्त ज्वालामुखी कहते है।

मृत या शांत ज्वालामुखी (Extinct voltone);-ऐसा ज्वालामुखी जिसमे बीते समय में कोई उद्गार नहीं हुआ ही, और जिसमे फिर से उद्गार होने की संभावना न हो, उसे मृत ज्वालामुखी’ कहते है।

मृगमरीचिका (Mirage):- मृग मरीचिका यह रेगिस्तान में देखने को मिलता है, गर्मी के दिनों में जब रेगिस्तान में देखा जाता है तो ऐसा आभास होता है, कि कहीं पानी जलाशय स्थित है, परंतु जब नजदीक जाकर देखते हैं, तो वहां कुछ नहीं होता बल्कि यह आंखो का भ्रम है, मृग मरीचिका इसको इसलिए कहा जाता है, क्योंकि रेगिस्तानी इलाकों में मृग यानी हिरण जब दूर देखता है, तो उसे कहीं पानी होने का आभास होता है, और वह पानी पीने के लिए जाता है, तो उन्हें वहां पानी नहीं मिलता है, फिर उन्हें दूर कहीं और जलाशय होने का आभास होता है, फिर वहां भी जाने पर उनको पानी नहीं मिलता है, इस तरह से मृग यानी हिरन इधर-उधर भटकते रहते हैं, पानी के लिए इसी से इनका नाम मृग मरीचिका पड़ा

मरुभूमि (Desert):-पृथ्वी का वह स्थान जहां पर रेत ही रेत हो रेगिस्तान कहलाता है, या तो यह भी कह सकते हैं कि वह निर्जल ( जहाँ पर जल न हो ) स्थान जहां पर बालू ही बालू होती है मरूभूमि यार रेगिस्तान कहलाता आता है

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