क्रिया वाच्य lएवं अव्यय की महत्वपूर्ण जानकारी |
क्रिया वाच्य एवं अव्यय परिचय
क्रिया वाच्य एवं अव्यय के इस चैप्टर में आप सभी विद्यार्थियों को इसके विषय में आज सम्पूर्ण जानकारी मिलने वाली है , की क्रिया और वाच्य किसे कहते है। इनके कितने भेद या प्रकार है उन तम्माम सभी प्रश्नो का उत्तर इस ब्लॉग पर विस्तार से मिलेगा , आप बने रहे और पूरा ब्लॉग पढ़े ताकि आपको पूरी जानकारी मिल सके तो चलिए बिना देर किये जल्दी शुरु करते है ।
1. क्रिया किसे कहते हैं ?उत्तर- जिस शब्द के द्वारा किसी कार्य को करने अथवा होने का बोध हो उसे क्रिया कहते हैं।
जैसे- मोहन पढ़ रहा है।रेखा खेल रही है।
2. मूल क्रिया अथवा धातु किसे कहते हैं ?
उत्तर- क्रिया के मूल रूप को धातु कहते हैं।
जैसे- लिख, जा, रो, पढ़ आदि।
3. क्रिया के भेदों का वर्णन करें।
उत्तर- क्रिया के दो भेद हैं :-
- सकर्मक क्रिया तथा
- अकर्मक क्रिया।
सकर्मक क्रिया- जब क्रिया के साथ कर्म हो, तो उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं।
जैसे- सोहन दूध पीता है। (कर्म + क्रिया)।
अकर्मक क्रिया- जब क्रिया के साथ कर्म न हो, तो उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं।
जैसे- सोहन पीता है। (केवल क्रिया)।
4. नाम धातु क्रिया किसे कहते हैं ?उत्तर- संज्ञा, सर्वनाम और विशेषण शब्दों से जो क्रिया धातुएँ प्रत्यय लगा कर बनायी जाती है, उन्हें नाम धातु कहते हैं। जैसे- हाथ से हथियाना, अपना से अपनाना, लालच से ललचाना आदि।
5. प्रेरणार्थक क्रिया किसे कहते हैं ?उत्तर- जब कर्ता स्वयं कार्य न कर दूसरे को प्रेरणा देकर करवाए, उसे प्रेरणार्थक क्रिया कहते हैं।जैसे- पढ़ना- अध्यापक मोहन से पाठ पढ़वाते हैं
6. संयुक्त क्रिया किसे कहते हैं ?
उत्तर- दो या दो अधिक धातुओं के मेल से बनने वाली क्रिया को संयुक्त क्रिया कहते हैं।जैसे- वर्षा थम चुकी है, सोहन प्रायः आ जाया करता है, मैं अब पढ़ सकता हूँ आदि।
7. सहायक क्रिया किसे कहते हैं ?
उत्तर- वे शब्द जो क्रिया के पूर्णता में सहायक होते हैं, उन्हें सहायक क्रिया कहते हैं।जैसे- विद्यार्थी विद्यालय जा चुके हैं।8. समापिका क्रिया किसे कहते हैं ?उत्तर- सरल वाक्य में जो क्रिया वाक्य को समाप्त करती है और प्रायः वाक्य के अंत में रहती है, उसे समापिका क्रिया कहते हैं। जैसे- लड़का पढ़ता है। मैं निबंध लिखूगा।
9. असमापिका क्रिया किसे कहते हैं ?
उत्तर- वाक्य में जो क्रिया विधेयगत क्रिया के स्थान पर प्रयोग न होकर अन्य स्थान पर प्रयुक्त होती है, उसे असमापिका क्रिया कहते हैं। यह क्रिया समापिका क्रिया की तरह निर्धारित स्थान पर प्रयुक्त नहीं होती है।जैसे- पानी में बहते हुए बच्चे नदी में डूब गए, बड़ों के कहने पर चला करो।
निर्देशानुसार उत्तर दें :-
1. मोहन पानी पी रहा है।(प्रेरणानार्थक क्रिया में बदल कर वाक्य फिर से लिखें।)
उत्तर- मोहन पानी पिलवा रहा है।
2. बात, झूठ।(नाम धातु क्रिया में बदलें।)
उत्तर- बात- बतियाना, झूठ- झूठलाना।
3. मैंने पत्र पढ़ा। (प्रेरणानार्थक क्रिया में बदल कर वाक्य फिर से लिखें।)
उत्तर- मैंने पत्र पढ़वाया।
4. बच्चा सोता है।(रेखांकित क्रिया का प्रकार लिखें।)
उत्तर- सोता है- अकर्मक क्रिया।
5. श्याम घर जाता है।(रेखांकित क्रिया का प्रकार लिखें।)
उत्तर- जाता है- सकर्मक क्रिया।
6. मैंने पत्र लिखा।(वाक्य को संयुक्त क्रिया में बदलें।)
उत्तर- मैं पत्र लिख चुका हूँ।
7. चाय बनी।(क्रिया को सकर्मक में बदल कर लिखें।)
उत्तर- मैंने चाय बनायी।
8. माली पौधे को सींचता है।(‘मालिक’ शब्द आरंभ में लगाकर प्रेरणार्थक वाक्य बनाएँ।)
उत्तर- मालिक माली से पौधे को सिंचवाता है।
9. टक्कर, चिकना।(नामधातु क्रिया में बदलें।)
उत्तर- टक्कर- टकराना। चिकना- चिकनाना।
10. तुम भी क्या प्रसंग ले बैठे।(संयुक्त क्रिया छाँटें।)
उत्तर- संयुक्त क्रिया- ले बैठे।
11. बच्चा चिल्लाया।(रेखांकित को संयुक्त क्रिया में बदलें।)
उत्तर- चिल्ला रहा था।
12. साठ, लालच, खर्च, फिल्म।(नाम धातु क्रिया में बदलें।)
उत्तर- साठ- सठियाना, लालच- ललचाना, खर्च- खर्चाना, फिल्म- फिल्माना।
18. माँ भिक्षक को भोजन देती है। (प्रेरणार्थक वाक्य में बदलें।)
उत्तर- माँ भिक्षुक को भोजन दिलवाती है?
19. छात्र पढ़ता है।(अध्यापक’ शब्द लगा कर प्रेरणार्थक वाक्य बनाएँ)
उत्तर- अध्यापक छात्र से पढ़वाता है।
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क्रिया वाच्य एवं अव्यय में विस्तार से वाच्य
1. वाच्य किसे कहते हैं ?
उत्तर- वाच्य का अर्थ है, बोलने का विषय क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि मुख्य विषय कर्ता, कर्म अथवा भाव है, उसे वाच्य कहते हैं।
2. वाच्य के भेदों का वर्णन करें।
उत्तर- वाच्य तीन प्रकार के होते हैं :-कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य, भाववाच्य ।
कर्तृवाच्य- जिस वाक्य में कर्ता पर बल होता है और क्रिया का रूप प्रायः कर्ता के अनुसार है, वह कर्तृवाच्य होता है।जैसे- रीता किताब पढ़ती है, मोहन सोता है। इन दोनों वाक्य में कर्ता ही वाक्य का केंद्र बिंदु है।
कर्मवाच्य- जिस वाक्य में क्रिया का रूप कर्ता के अनुसार न होकर कर्म के अनुसार होता है, उसे कर्मवाच्य कहते हैं।जैसे- प्रेमचंद द्वारा कहानी लिखी गयी, गीता से गीत गाया गया। इन दोनों वाक्यों में क्रिया के संबंध कर्म से है। क्रिया के पुरुष, लिंग, वचन- कर्म के अनुसार होते हैं।
भाववाच्य-
जिस वाक्य में कर्ता या कर्म की प्रधानता न होकर क्रिया का भाव प्रमुख हो उसे भाव वाच्य कहते हैं। जैसे- अब मुझसे सहा नहीं जाता, सोहन से चला नहीं जाता।
इन वाक्यों की क्रिया न तो अपने कर्ता के अनुसार है और न ही इन्हें कर्म की अपेक्षा है। अतः यह भाववाच्य का उदाहरण है।
वाच्य परिवर्तन कर्तृवाच्य
कर्मवाच्य | कर्मवाच्य |
(क) किसान हल चलाता है। (ख) कवियों ने सुंदर कविताएँ लिखी हैं।(ग) गीता ने खाना खाया। (घ) लड़का पत्र लिखता है। (ङ) सरकार ने घोषणा की। | किसान द्वारा हल चलाया जाता है। कवियों द्वारा सुंदर कविताएँ लिखी गयी हैं गीता द्वारा खाना खाया गया। लड़के द्वारा पत्र लिखा जाता है।सरकार द्वारा घोषणा की गयी। |
कर्मवाच्य से कर्तृवाच् |
कर्मवाच्य | |
(क) माला द्वारा खाना खाया गया। | माला ने खाना खाया। |
(ख) धोबी द्वारा कपड़े धोए गए। | धोबी ने कपड़े धोए। |
(ग) माँ द्वारा भोजन बनाया जाता है। | माँ भोजन बनाती है। |
(घ) उसके द्वारा चिट्ठी लिखी गयी। | उसने चिट्ठी लिखी। |
(ङ) पर्यटकों द्वारा सैर की जाती है। | पर्यटक सैर करते हैं। |
कर्तृवाच्य | भाववाच्य |
(क) आइए, चलें। (ख) घोड़ा दौड़ता है। (ग) गर्मियों में लोग खूब नहाते हैं। (घ) मैं चल नहीं पा रही। (ङ) चील आकाश में उड़ता है। | आइए, चला जाए। घोड़े से दौड़ा जाता है। गर्मियों में लोगों से खूब नहाया जाता है। मुझसे चला नहीं जा रहा। चील से आकाश में उड़ा जाता है। |
अव्यय की महत्वपूर्ण जानकारी
1. अव्यय किसे कहते हैं ?उत्तर- वे शब्द या रूप, जिन पर लिंग, वचन, कारक आदि का कोई प्रभाव नहीं पड़ता उसे अव्यय कहते हैं।जैसे- अधिक, प्रति, के बिना, वाह, ही, तो।
2. अव्यय के भेदों का वर्णन करें।उत्तर- अव्यय पांच प्रकार के होते हैं- क्रियाविशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक, विस्मयादिबोधक, निपात।
क्रियाविशेषण- जिस शब्द से क्रिया की विशेषता प्रकट हो, उसे क्रिया विशेषण कहते हैं।
जैसे- ऊपर, नीचे, दाहिने, अधिक, निकट, प्रतिदिन, आज, लगातार आदि।
संबंधबोधक- जो शब्द, संज्ञा या सर्वनाम का संबंध वाक्य के दूसरे शब्दों से कराता है, उसे संबंधबोधक कहते हैं। जैसे- के साथ, की ओर, के आगे, के बिना आदि।
समुच्चयबोधक- जो शब्द, दो शब्दों वाक्यांशों अथवा वाक्यों को मिलाते हैं, उसे समुच्चयबोधक कहते हैं।जैसे- परंतु, इसलिए, किंतु, तथा, और, अथवा आदि।
विस्मयादिबोधक- हर्ष, शोक, आश्चर्य, घृणा, प्रशंसा आदि भाव को प्रकट करनेवाले अविकारी शब्द विस्मयादिबोधक कहलाते हैं। जैसे- अच्छा ! वाह ! उफ्फ ! शावास ! जीते रहो ! आदि।
निपात- जो अव्यय पद या शब्द के बाद लग कर अर्थ में विशेष प्रकार का बल देते हैं वे निपात कहलाते हैं।
जैसे- भी, ही, तो, तक, मात्र, केवल आदि।
निर्देशानुसार उत्तर दें :-
1. घर के —— मैदान है। (रिक्त स्थान की पूर्ति संबोधक पद से करें।)
उत्तर- साथ
2. वह बहुत देर रोता रहा। (अव्यय से वाक्य पूर्ति करें।)
उत्तर- तक।
3. रमेश कल- – आएगा।(अव्यय से वाक्य की पूर्ति करें।)
उत्तर- अवश्य।
4. वह धीरे-धीरे बोल रहा था।(अव्यय छाँट कर लिखें।)
उत्तर- धीरे-धीरे।
क्रिया वाच्य एवं अव्यय से सबंधित जानकारी
अव्यय के भेदों को चुने:-
1. हवा धीरे-धीरे बह रही है।
उत्तर- क्रिया विशेषण अव्यय।
2. बेटा, जल्दी आओ।
उत्तर- क्रिया विशेषण अव्यय।
3. वह अपना सिर पड़ेगा।
उत्तर- क्रिया विशेषण अव्यय ।
4. वह मेरे यहाँ अवश्य आएगा।
उत्तर- क्रिया विशेषण अव्यय।
5. धन के बिना किसी का काम नहीं चलता।
उत्तर- संबंधबोधक अव्यय।
6. नौकर गाँव तक गया।
उत्तर- संबंधबोधक अव्यय।
7. तुम्हारे साथ मैं चलूँगा।
उत्तर- समुच्चयबोधक अव्यय।
8. भूकंप आया और लोग मारे गए।
उत्तर- समुच्चयबोधक अव्यय।
9. मैंने कहा मगर उसने नहीं सुना।
उत्तर- समुच्च्यबोधक अव्यय।
10. काश ! आज वर्षा होती।
उत्तर- विस्मयादिबोधक अव्यय ।
11. वाह-वाह ! आपने क्या कमाल दिखाया ?
उत्तर- विस्मयादिबोधक अव्यय।