PRE TEST EXAMINATION 2024
शिक्षा विभाग द्वारा जैक बोर्ड द्वारा पुछे जाने वाले विभिन्न विषयों का PRE TEST EXAMINATION 2024 का आयोजन किया गया। ताकि मैट्रिक परीक्षा में गिरिडीह का रिजल्ट अव्वल हो सके। जिसके लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी महोदय तथा क्वेश्चन मेकर शिक्षकों एवं टीम ने सफलता पूर्वक निभाया। इस अंक में आप सामाजिक विज्ञान विषय का प्री टेस्ट में पुछे गये प्रश्नों का उत्तर जानेंगे।
PRE TEST EXAMINATION 2024
DIST.:- GIRIDIH (JHARKHAND)
Class:- 10th
Subject:- Social Science (सामाजिक विज्ञान)
Time-3Hrs
F.M.-80
सामान्य निर्देशः-
- परीक्षार्थी यथासंभव अपने शब्दों में उत्तर दें।
- कुल प्रश्नों की संख्या 52 है। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- प्रश्न 1 से 30 तक बहुविकल्पिय प्रश्न हैं। प्रत्येक प्रश्ना के चार विकल्प दिए गए हैं। सही विकल्प का चयन कीजिये। प्रत्येक प्रश्न के लिए 01 अंक निर्धारित है।
- प्रश्न संख्या 31 से 38 तक अति लघु उत्तरीय प्रश्न है। जिसमे से किन्ही 6 प्रश्नों का उत्तर देना अनिवार्य है। प्रत्येक प्रश्न का मान 2 अंक निर्धारित है।
- प्रश्न संख्या 39 से 46 तक लघु उत्तरीय प्रश्न है। जिसमे से किन्ही 6 प्रश्नों का उत्तर देना अनिवार्य है। प्रत्येक प्रश्न का मान 3 अंक निर्धारित है।
- प्रश्न संख्या 47 से 52 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न है। किन्हीं 4 प्रश्नों का उत्तर देना अनिवार्य है। प्रत्येक प्रश्न का मान 5 अंक निर्धारित है।
भाग-‘अ’ (Section-A)
बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions) (1 x 30 = 30)
- ‘पहले तुम मनुष्य हो, उसके बाद किसी देश के नागरिक या अन्य कुछ’ यह कथन किसका है?
(A) मेत्सिनी (B) वॉल्टेयर (C) रूसो (D) दिदरो
उत्तर:- (A) मेत्सिनी - महात्मा गाँधी ने कब नमक बनाकर नमक कानून का उल्लंघन किया?
(A) 12 मार्च, 1930 (B) 6 अप्रैल 1930 (C) 31 अक्टूबर, 1929 (D) 2 मार्च, 1930
उत्तर:- (B) 6 अप्रैल 1930 - 1932 ई० में पूना समझौता (पैक्ट) किनके बीच हुआ था?
(A) गाँधीजी और इरविन (B) गाँधीजी और मैक्डेनाल्ड (C) गाँधीजी और अंबेदकर (D) गाँधीजी और जिन्ना
उत्तर:- (C) गाँधीजी और अंबेदकर - रिडरपेस्ट क्या था?
(A) मच्छली रोग (B) पुष्प रोग (C) पशु रोग (D) इनमें कोई नहीं।
उत्तर:- (C) पशु रोग - जी-77 से आप क्या समझते हैं?
(A) संपन्न देशों का समूह (B) अफ्रीकी देशों का समूह (C) एशियाई देशों का समूह (D) विकासशील देशों का समूह
उत्तर:- (D) विकासशील देशों का समूह - ब्रेटन वुड्स व्यवस्था क्या थी?
(A) युद्धोत्तर सैन्य व्यवस्था (B) युद्धोत्तर राजनीतिक व्यवस्था (C) युद्धोत्तर अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था (D) इनमें कोई नहीं।
उत्तर:- (C) युद्धोत्तर अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था - बंबई में पहली सूती वस्त्र मिल की स्थापना कब हुई थी?
(A) 1854 (B) 1855 (C) 1856 (D) 1857
उत्तर:- (A) 1854 - वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट कब लागू किया गया?
(A) 1872 ई० (B) 1875 ई० (C) 1878 ई० (D) 1880 ई०
उत्तर:- (C) 1878 ई० - इनमें से कौन-सा नवीकरणीय संसाधन नहीं है?
(A) जल संसाधन (B) पवन (C) सौर ऊर्जा (D) कोयला
उत्तर:- (D) कोयला - कितने किलोमीटर के बाद किसी देश का महासागरीय संसाधन पर अधिकार नहीं है?
(A) 100 किमी० के बाद (B) 150 किमी० के बाद (C) 200 किमी० के बाद (D) 180 किमी० के बाद
उत्तर:- (C) 200 किमी० के बाद - भारत के कुल क्षेत्रफल में कितने प्रतिशत क्षेत्र पर पठारी भाग है?
(A) 43 प्रतिशत (B) 27 प्रतिशत (C) 30 प्रतिशत (D) 40 प्रतिशत्
उत्तर:- (B) 27 प्रतिशत - गुलाबी सिर वाली बतख किन जातियों में शामिल है?
(A) दुर्लभ जातियाँ (B) सामान्य जातियाँ (C) संकटग्रस्त जातियाँ (D) लुप्त जातियाँ
उत्तर:- (D) लुप्त जातियाँ - किसने कहा है कि बाँध आधुनिक भारत के मंदिर हैं? (A) सुभाषचंद्र बोस (B) महात्मा गाँधी (C) भीमराव अंबेदकर (D) नेहरू
उत्तर:- (D) नेहरू - इंदिरा गाँधी नहर किस क्षेत्र को पेयजल उपलब्ध कराती है?
(A) उत्तरी हरियाणा (B) दक्षिणी पंजाब (C) पूर्वी राजस्थान (D) पश्चिमी राजस्थान
उत्तर:- (C) पश्चिमी राजस्थान - गन्ने का प्रमुख उत्पादक राज्य है-
(A) उत्तर प्रदेश (B) कर्नाटक (C) बिहार (D) पंजाब
उत्तर:- (A) उत्तर प्रदेश - भारत का सबसे बड़ा बॉक्साइट उत्पादक राज्य है-
(A) राजस्थान (C) मध्य प्रदेश (B) बिहार (D) उड़ीसा
उत्तर:- (D) उड़ीसा - कौन-सा भाषायी समूह ब्रूसेल्स में बहुसंख्यक है?
(A) जर्मन भाषी (B) इंग्लिस भाषी (C) फ्रांसीसी भाषी (D) डच भाषी
उत्तर:- (C) फ्रांसीसी भाषी - पंचायती राज को शक्तिशाली और प्रभावी बनाने के लिए संविधान में 73वाँ संशोधन कब किया गया?
(A) 1992 ई०. (B) 1959 ई०. (C) 1998 ई० (D) 2001 ई०
उत्तर:- (A) 1992 ई०. - रंगभेद की नीति को समाप्त करवाने के लिए चलाए गए आंदोलन का नेतृत्व किया था-
(A) मार्टिन लूथर किंग (B) नेल्सन मंडेला (C) जवाहरलाल नेहरू (D) जार्ज बुश
उत्तर:- (B) नेल्सन मंडेला - संविधान के किस अनुच्छेद द्वारा अस्पृश्यता को समाप्त कर दिया गया है?
(A) अनुच्छेद 15 (B) अनुच्छेद 16 (C) अनुच्छेद 17 (D) अनुच्छेद 18
उत्तर:- (C) अनुच्छेद 17 - धर्म को राजनीति से कभी भी अलग नहीं किया जा सकता है, ये शब्द किसने कहे थे?
(A) जवाहरलाल नेहरू (B) महात्मा गाँधी (C) डब्ल्यू० सी० बैनर्जी (D) इंदिरा गाँधी
उत्तर:- (B) महात्मा गाँधी - निम्न में से कौन-सा दबाव समूह का उदाहरण है?
(A) नर्मदा बचाओ आंदोलन (B) शराव विरोधी आंदोलन (C) सूचना के अधिकार का आंदोलन (D) इनमें सभी
उत्तर:- (D) इनमें सभी - भारत में राजनीतिक दलों को मान्यता कौन देता है?
(A) संसद (B) उच्चतम न्यायालय (C) राष्ट्रपति (D) चुनाव आयोग
उत्तर:- (D) चुनाव आयोग - मानव विकास सूचकांक प्रदर्शित करता है।
(A) लोगों का संपूर्ण विकास (B) उत्तम शिक्षा प्रणाली (C) स्वास्थ्य विकास (D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:- (A) लोगों का संपूर्ण विकास - किसी विशेष वर्ष में उत्पादित …….. के मूल्य के कुल योग को जी० डी० पी० कहते हैं।
(A) सभी वस्तुओं और सेवाओं (B) सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं (C) सभी मध्यवर्ती वस्तुओं और सेवाओं (D) सभी मध्यवर्ती एवं अंतिम वस्तुओं और सेवाओं
उत्तर:- (B) सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं - कृषि, डेयरी खेती निम्नांकित में से किस क्षेत्र से संबंधित गतिविधियाँ हैं?
(A) प्राथमिक (B) माध्यमिक (C) द्वितीयक
(D) तृतीयक
उत्तर:- (A) प्राथमिक - निम्न में से कौन अर्थव्यवस्था की विशालता को प्रदर्शित करता है?
(A) सकल घरेलू उत्पाद (B) विश्व व्यापार संगठन (C) विश्व स्वास्थ्य संगठन (D) विश्व बैंक
उत्तर:- (A) सकल घरेलू उत्पाद - भारत में केंद्रीय बैंक का नाम……है।
(A) भारतीय बैंक (B) भारतीय स्टेट बैंक (C) भारतीय रिजर्व बैंक (D) केंद्रीय बैंक
उत्तर:- (C) भारतीय रिजर्व बैंक - भारतीय रिजर्व बैंक का मुख्य कार्य है-
(A) ऋण प्रदान करना (B) विश्व बैंक से लेन-देन (C) साख नियंत्रण (D) इनमें कोई नहीं
उत्तर:- (C) साख नियंत्रण - विश्व व्यापार संगठन की स्थापना कब हुई?
(A) 1991 ई० (B) 1993 ई० (C) 1992 ई० (D) 1995 ई०
उत्तर:- (D) 1995
Section (B) अति लघुत्तरीय प्रश्न
किन्हीं 06 प्रश्नों के उत्तर दें। 2×6=12
- निरंकुशवाद से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:- ऐसी शासन व्यवस्था और सरकार जिस पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं रहता है। इतिहास में ऐसी राजशाही सरकार को निरंकुश सरकार कहते हैं, जो अत्यंत केंद्रीकृत, सैन्य बल पर आधारित और दमनकारी सरकारें होती हैं। - समूह-77 (G-77) देशों से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:- जी – 77 विकासशील देशों का एक ऐसा समूह था।जो संयुक्त राष्ट्र के अन्य शेष समूहों की अपेक्षा कम मजबुत संगठन है। - बहुउद्देशीय नदी परियोजनाओं से होने वाले कोई दो लाभ लिखें।
उत्तर:- जल विद्युत और सिंचाई बहुउद्देशीय नदी परियोजना के दो प्रमुख लाभ हैं। - रबी फसल किसे कहते हैं?
उत्तर:- शीत ऋतु के प्रारंभ के साथ अक्टूबर – नवंबर में बोई जाती है और ग्रीष्म ऋतु के प्रारंभ के पुर्व फरवरी – मार्च में काट ली जाती है। जैसे – गेहूं, चना इत्यादि। - संघवाद क्या है?
उत्तर:- संघवाद एक संस्थागत प्रणाली है जिसमें दो स्तर की राजनीतिक व्यवस्था को शामिल किया जाता है। इसमें एक केंद्रीय स्तर की सरकार और दूसरी राज्य या प्रांतीय स्तर की सरकार होती है। जो आपस में मिलकर कार्य करते है। - समाजवादी पार्टी का चुनाव चिन्ह क्या है?
उत्तर:- समाजवादी पार्टी का चुनाव चिन्ह साइकिल है। - सकल घरेलू उत्पाद से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:- तीनों क्षेत्रकों प्राथमिक, द्वितीयक, और तृतीयक के उत्पादों के योगफल को देश का सकल घरेलू उत्पाद कहा जाता है। - प्रतिव्यक्ति अथवा औसत आय क्या है?
उत्तर:- जब कुल राष्ट्रीय आय को कुल जनसंख्या से भाग देने पर जो राशि प्राप्त होती है उसे प्रति व्यक्ति आय कहते हैं।
Section (C) लघूत्तरीय-प्रश्न
किन्हीं छः प्रश्नों के उत्तर अधिकतम 150 शब्दों मेंदें। 3×6=18
- साइमन कमीशन भारत कब आया? इसका विरोध क्यों किया गया?
उत्तर:- सर जॉन साइमन की अध्यक्षता में सात सदस्यीय साइमन कमीशन 3 फरवरी 1928 को भारत आया।
इसके विरोध के निम्न कारण थे:-
(i) साइमन कमीशन ब्रिटिश सरकार ने भारत सरकार अधिनियम 1919 की समीक्षा के लिए नियुक्त किया था।
(ii) इस कमीशन में कोई भी भारतीय नहीं था।
(iii) जिस कारण भारत के जनमानस में साइमन कमीशन के खिलाफ आक्रोश था।
(iv) साइमन कमीशन के आगमन पर देश भर में “साइमन गो बैक” के नारे गूंजने लगे।
(v) पंजाब में लाला लाजपत राय ने आयोग के खिलाफ प्रदर्शन किया। - प्रथम विश्व युद्ध का भारत पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:- प्रथम विश्व युद्ध 1914 से 1918 के बीच रहा हुआ। प्रथम विश्व युद्ध का व्यापक प्रभाव भारत पर भी पड़ा। जो निम्न हैं।
(i) प्रथम विश्वयुद्ध के कारण एक नई आर्थिक और राजनीतिक स्थिति पैदा होने से रक्षा – व्यय में काफी वृद्धि हुई।
(ii) युद्ध में होने वाले खर्चे को पूरा करने के लिए कर्ज लिए गए, करों में वृद्धि की गई, सीमा शुल्क बढ़ा दिया गया और आय पर भी कर लगा दिया गया।
(iii) युद्ध के समय कीमतें तेजी से बढ़ रही थी ।1913 से 1918 के बीच कीमतें दोगुनी हो चुकी थी, जिसके कारण जनसाधारण को मुसीबतों का सामना करना पड़ा।
(iv) गांव में युवकों को जबरन सेना में भर्ती किया जा रहा था, जिसके कारण ग्रामीण इलाकों में व्यापक गुस्सा था।
(v) 1918-19 और 1920-21 में देश के बहुत सारे भागों में फसल नष्ट हो गई थी, जिसके कारण खाद्य पदार्थों की भारी कमी पैदा हो गई। उसी समय फ्लू की महामारी फैल गई। 1921 की जनगणना के अनुसार इस महामारी और अकाल के कारण लगभग 120-130 लाख लोग मारे गए।
(vi) अंग्रेजी सरकार ने भारत में क्रांतिकारी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए ‘डिफेंस ऑफ इंडिया एक्ट’ 1915 ई में लागू किया। इसके बाद क्रांतिकारी आंदोलन कम होने के बजाय और तेज हो गया।
41. खादर और बांगर मिट्टी में अंतर स्पष्ट करें?
उत्तर :- खादर और बांगर मिट्टी मुख्य रूप से उत्तर के मैदान में पाए जाते हैं। कृषि के लिए यह मिट्टी महत्वपूर्ण है। इन मिट्टियों के बीच महत्वपूर्ण अंतरों को यहां स्पष्ट किया जा रहा है।
खादर:-
(i) यह नवीन जलोढ़ मिट्टी है।
(ii) यह बांगर की अपेक्षा अधिक उपजाऊ मिट्टी है।
(iii) यहां प्रायः बाढ़ का पानी प्रति वर्ष पहुंचता है।
बांगर:-
(i) यह पुरानी जलोढ़ मिट्टी है।
(ii) यह खादर की अपेक्षा कम उपजाऊ मिट्टी है।
(iii) यहां बाढ़ का पानी प्रतिवर्ष नहीं पहुंच पाता।
- भारत में सौर ऊर्जा का भविष्य उज्जवल है, कैसे?
उत्तर:- सौर ऊर्जा नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन है जो कभी न समाप्त होने वाला स्रोत है। भारत उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में अवस्थित होने के कारण सौर ऊर्जा की उत्पादन क्षमता तथा उपयोगिता की अधिक संभावना है।
(i) यहां वर्ष-पर्यंत सूर्य से प्रकाश मिलता है। साथ ही सूर्याताप दिन की अधिकांश अवधि तक प्राप्त होता है।
(ii) इस कारण भारत के अधिकांश भाग में उच्च तापमान पाया जाता है।
(iii) साथ ही भारत के कई क्षेत्रों में कुछ महीनों को छोड़कर वर्ष भर आकाश साफ रहता है।
(iv) उत्तर भारत को छोड़कर दक्षिण भारत में वर्ष भर उच्च तापमान पाया जाता है।
वहीं राजस्थान के मरुस्थलीय भागों में कुछ महीनों को छोड़कर वर्षभर आकाश साफ रहता है। साथ ही मरूस्थल के कारण तापमान उच्च रहता है
भारत में बढ़ती हुई जनसंख्या के साथ ऊर्जा आपूर्ति की मांग को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा एक अच्छा, सस्ता और वर्षभर उपलब्ध रहने वाला नवीकरणीय संसाधन है। अतः भारत में सौर ऊर्जा का भविष्य उज्ज्वल है। - दबाव समूह क्या है? उदाहरण सहित बताएं।
उत्तर:- दबाव समूह का तात्पर्य एक ऐसे संगठन से हैं, जो कुछ लोगों द्वारा अपने विशेष उद्देश्य की पूर्ति के लिए बनाया जाता है। इनका राजनीति पर प्रत्यक्ष भागीदारी नहीं होती है परंतु यह अपनी नीतियों से राजनीति को प्रभावित करते हैं।
दबाव समूह के कुछ उदाहरण निम्न हैं –
(i) किसान संघ से संबंधित – अखिल भारतीय किसान यूनियन।
(ii) मजदूर संघ से संबंधित – अखिल भारतीय राष्ट्रीय मजदूर संघ।
(iii) अध्यापक संघ से संबंधित – अखिल भारतीय अध्यापक परिषद।
(iv) छात्र संगठन से संबंधित – अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद।
(iv) धार्मिक संगठन से संबंधित – विश्व हिन्दू परिषद्
(v) व्यापारी संघ से संबंधित – अखिल भारतीय व्यापार मण्डल - वैश्वीकरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:- वैश्वीकरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा संपूर्ण विश्व एकल बाजार बन जाता है। इसे बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा विदेशी निवेश और विदेशी व्यापार के माध्यम से विभिन्न देशों के बीच तीव्र एकीकरण या परस्पर संबंध के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।
(i) इस प्रक्रिया में हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक रूप से परस्पर निर्भर हो जाते हैं।
(ii) देश के बाहर के उत्पादक भारत में और भारत के उत्पादक विदेशों में अपनी वस्तुओं एवं सेवाओं का उत्पादन एवं बिक्री कर सकते हैं।
(iii) श्रमिक भी एक देश से दूसरे देश आवागमन कर सकते हैं। - उपभोक्ता किसे कहते हैं? उपभोक्ता के मुख्य कर्तव्य कौन-कौन से हैं?
उत्तर:- कोई भी व्यक्ति जो अंतिम वस्तुओं का उपयोग करता है उसे उपभोक्ता कहते हैं।
उपभोक्ता के मुख्य कर्तव्य हैं।
(i) उपभोक्ताओं को वस्तु खरीदते समय रसीद जरूर लेने चाहिए।
(ii) उपभोक्ताओं को वस्तु खरीदते समय वस्तु की गुणवत्ता एवं मात्रा की जांच कर लेनी चाहिए।
(iii) वस्तु की गुणवत्ता का चिन्ह जैसे आई एस आई, एगमार्क की जांच अवश्य करनी चाहिए।
(iv) वस्तु की गारंटी एवं वारंटी के साथ एक्सपायरी डेट की जांच करनी चाहिए।
(v) उपभोक्ताओं को उपभोक्ता संगठन बनाना चाहिए जिससे उपभोक्ता अपने अधिकार की मांगकर सकते हैं।
(vi) हमें उपभोक्ता के रूप मेंअपने अधिकारों की जानकारी रखनी चाहिए और समय आने पर मांग भी करनी चाहिए।
इस प्रकार हम उपभोक्ता के रूप में अपने कर्तव्य का निर्वहन कर सकते हैं। - मुद्रा आवश्यकताओं के दोहरे संयोग की समस्या को किस प्रकार सुलझाता है?
उत्तर:- वस्तु विनिमय प्रणाली में मुद्रा का उपयोग किए बिना वस्तुओं का आदान-प्रदान किया जाता है। इसमें एक वस्तु लेते हैं तो दूसरी वस्तु देते हैं। इस कारण वस्तु विनिमय प्रणाली में मांगों का दोहरा संयोग होना एक आवश्यक विशेषता है। जबकि इसके विपरीत दुसरी ओर वस्तुओं के लेन-देन में मुद्रा का प्रयोग किया जाता है, वहां मुद्रा, विनिमय प्रक्रिया में एक मध्यस्थता के रूप में कार्य करती है। इसे निम्न उदाहरण से समझ सकते हैं।
वस्तु विनिमय प्रणाली में किसान के लिए यह जरूरी रह जाता है कि कपड़े निर्माता या जूते निर्माता को ढूंढे। जो ना केवल उसके अनाजों को खरीदे बल्कि बदले में उसे कपड़े और जूते भी बेचे। जबकि मुद्रा विनिमय प्रणाली में किसान को बाजार में केवल अपने अनाज बेचने होते हैं। और अनाज बेचकर मुद्रा प्राप्त करना होता है। इस मुद्रा से न केवल वह कपड़े और जूते खरीद सकता है बल्कि अपनी जरूरत की हर चीजों को खरीद सकता है।
इस प्रकार से मुद्रा वस्तुओं के आवश्यकताओं के दोहरे संयोग की समस्या को दूर करती है।
Section (D) दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
किन्हीं 04 प्रश्नों के उत्तर अधिकतम 250 शब्दों में दें। 5×4=20
- बाल्कन प्रदेशों में राष्ट्रवादी तनाव क्यों पनपा? तीन कारणों का वर्णन करें।
उत्तर:- बाल्कन, दक्षिण-पूर्वी यूरोप का एक बड़ा भू-भाग है। इसे बाल्कन प्रायद्वीप भी कहा जाता है। इस प्रदेश में राष्ट्रवादी तनाव के कुछ कारण थे जो निम्न हैं:-
(i) बाल्कन प्रदेशों में अनेक जातीय समूह का निवास करती थी। आधुनिक रोमानिया, बुल्गारिया, अल्बेनिया, यूनान, मैसिडोनिया, क्रोएशिया, बोस्निया, स्लोवेनिया, सर्बिया और माण्टिनियो जैसे देश शामिल थे। इस कारण इस क्षेत्र में भौगोलिक और जातीय भिन्नता थी।
(ii) बाल्कन प्रदेश ऑटोमन साम्राज्य के अधीन था जो ऑटोमन साम्राज्य का भाग था जो अब कमजोर हो चला था। बाल्कन क्षेत्र का ज़्यादातर हिस्सा लंबे समय तक ऑटोमन साम्राज्य के अधीन था। हालांकि, ऑटोमन साम्राज्य ने आधुनिकीकरण और सुधारों की कोशिश की, लेकिन उसमें बहुत कम सफलता मिली। इसके बाद, साम्राज्य के अधीन राष्ट्रों में राष्ट्रवाद की भावना बढ़ने लगी और वे आज़ादी की मांग करने लगे।
(iii) यूरोपीय साम्राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा था। रूस, जर्मनी, इंग्लैंड, ऑस्ट्रिया-हंगरी जैसे देशों ने ऑटोमन साम्राज्य की कमज़ोरी का फ़ायदा उठाकर वहां अपना प्रभाव जमाने की कोशिश की। - जल दुर्लभता क्या है? इसके मुख्य कारण क्या है?
उत्तर:- किसी क्षेत्र में जल की आवश्यकता को पुरा करने के लिए पर्याप्त जल स्रोत का न होना जल दुर्लभता कहलाता है।
i. वर्षा की कमी:- भारत में कई ऐसे स्थान है जहां वर्षा की कमी का सामना करना पड़ता है। ऐसे स्थानों में थार मरुस्थल का नाम सबसे पहले आता है। जहां वर्षा की कमी के कारण वनस्पतियों का अभाव, फसलों का कम उत्पादन आदि कई तरह की समस्याएं देखी जाती है।
ii. पानी की बर्बादी:- कई ऐसे मानवीय क्रियाकलाप हैं जिनसे पानी की बर्बादी होती है। घरेलू क्रियाकलापों में अधिक पानी की खपत करना, नल खुले छोड़ देना, पाइप लाइन का लिकेज होना, बरसात वाले फल-सब्जियों को अन्य मौसम में भी उपजाना आदि क्रियाकलापों से पानी की बर्बादी होती है।
iii. अधिक सिंचाई:- बढ़ती जनसंख्या के कारण फसलों की मांग भी बढ़ गई है। जिससे अधिक फसल उत्पादन करना पड़ रहा है। इस कारण अधिक सिंचाई की आवश्यकता भी पड़ गई है। जो जल दुर्लभता का एक प्रमुख कारणों में से एक है।
iv. जल प्रदुषण:– उद्योगों और शहरों से निकलने वाले कचरे सीधे नदी-नालों में छोड़ दिया जाता है। इसके अलावा कई मृत जानवरों को नदी नालों में छोड़ दिया जाता है। जिससे नदी जल प्रदूषित हो जाता है। - सांप्रदायिकता क्या है? भारत में सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाले विभिन्न कारकों का उल्लेख करें?
उत्तर:- अपने धर्म पर आस्था या कट्टरता रखना और दूसरे धर्मों को घृणा की दृष्टि से देखना संप्रदायिकता कहलाता है।
भारत में साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देने वाले कई कारक है जो निम्न हैं:-
(i) ब्रिटिश शासन के दौरान फुट डालो शासन करो की नीति
(ii) भारत और पाकिस्तान के बीच विभाजन के दौरान हुई हिंसा
(iii) राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव के दौरान धार्मिक और साम्प्रदायिक मुद्दों को उठाना
(iv) आर्थिक असमानता और शिक्षा का अभाव होना
(v) भूमि, जल स्रोत तथा अन्य संसाधनों पर कुछ वर्गों का अधिपत्य होना
(vi) धर्म के प्रति कोठोर तथा दुसरे धर्म के प्रति घृणा रखना
(vii) मिडिया या सोशल मिडिया पर गलत जानकारी या अफवाह का प्रसार होना
(viii) धार्मिक रीति – रिवाजों का टकराव होना
(ix) विदेशों में होने वाले साम्प्रदायिक संघर्ष का होना
(x) आतंकवादी या चरमपंथी घटना का होना, इत्यादि।
उपर्युक्त भारत में साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देने वाले कुछ प्रमुख कारक है।
अथवा
सामाजिक विभाजनों की राजनीति के परिणाम तय करने वाले तीन कारकों की चर्चा करें।
उत्तर:- सामाजिक विभाजन की राजनीति के परिणाम को तय करने वाले तीन कारक निम्नलिखित है-:
(i) लोग अपनी पहचान को किस प्रकार देखते हैं- सर्वप्रथम सभी परिणाम इस बात पर निर्भर करते हैं कि लोग किस तरह से उनकी पहचान को स्वीकार करते हैं। प्रायः यह देखा जाता है कि अपनी पहचान को लेकर लोगों में यह धारणा रहती है कि यदि वह अकेले हैं तो उनकी पहचान कर पाना मुश्किल हो जाता है।
(ii) राजनीतिक दलों की भूमिका यह इस बात पर निर्भर करता है कि राजनीतिक दल के नेता किस ढंग से किसी समुदाय की मांग उठाते हैं। यदि राजनीतिक नेताओं द्वारा एक समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हुए यदि ऐसी मांगों को उठाया जाता है, जो संवैधानिक है। तो ऐसे मांगों को समायोजित करना आसान हो जाता है।
(ii) सरकार का रवैया- यह इस बात पर निर्भर करता है कि सरकार विभित्र समुदायों की मांगों पर किस तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त करते है। यदि किसी समुदाय की वाजिब मांगों को सरकार द्वारा नहीं माना जाता है तो इससे सामाजिक विभाजन होता है, जिससे देश की अखंडता को खतरा हो सकता है।
- एक अर्थव्यवस्था में मुद्रा की भूमिका की विवेचना करें?
उत्तर:- एक अर्थव्यवस्था में मुद्रा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जिसे निम्नलिखित रुप से देखा जा सकता है।
(i) वस्तु विनिमय की कठिनाइयों को दूर करता है:- मुद्रा के प्रयोग से वस्तु विनिमय प्रणाली की हर कठिनाइयां दूर हो गई है। वस्तु विनिमय प्रणाली में वस्तु के दोहरे संयोग की आवश्यक शर्त को मुद्रा ने खत्म कर दिया है।
(ii) पूंजी को गतिशीलता प्रदान करता है:- यह धन को उन व्यक्तियों के हाथों में सोंपती है जो व्यक्ति उसे सर्वोत्तम उपयोग में ला सकता है। इस प्रकार पूंजी की गतिशीलता में मुद्रा महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
(iii) आर्थिक क्रिया को आधार प्रदान करता है:- उत्पादक अपनी उत्पादित वस्तुओं को बेचकर उसे मुद्रा में बदल देता है और मुद्रा देकर दूसरी आवश्यक वस्तुएं खरीद लेता है। इस तरह मुद्रा आर्थिक क्रिया का आधार माना जाता है।
(iv) समाज की आर्थिक उन्नति की सूचक है:- मुद्रा समाज की आर्थिक उन्नति का सूचक होती है। आर्थिक विकास में मुद्रा का विशेष योगदान होता है। जिस देश की विदेशी मुद्रा अधिक होती है, वह देश समृद्ध समझा जाता है। यह मुद्रा के प्रयोग से ही संभव हो पाता है।
(v) श्रम विभाजन प्रणाली में प्रोत्साहन करता है:- मुद्रा के प्रयोग से श्रम विभाजन सरल हो गया है। यदि मुद्रा नहीं होता तो कोई भी व्यक्ति वस्तु विशेष के उत्पादन में दिलचस्पी नहीं लेता। मुद्रा के प्रयोग के कारण ही कोई भी व्यक्ति कहीं पर भी किसी भी प्रकार का भी कार्य करने के लिए तैयार रहता है। क्योंकि उसे कार्य के बदले मुद्रा मिलती है।
इस प्रकार हम देखते हैं कि एक अर्थव्यवस्था में मुद्रा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। - तृतीयक क्षेत्रक अन्य क्षेत्रकों से अलग कैसे है? सोदाहरण व्याख्या करें।
उत्तर:- तृतीयक क्षेत्रक की क्रियाविधि अन्य दो क्षेत्रकों से भिन्न है प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्रक जहां वस्तुओं का उत्पादन करते हैं, वही तृतीयक क्षेत्रक वस्तुओं का उत्पादन नहीं करता बल्कि यह दोनों क्षेत्रकों को मदद करता है। जैसे : परिवहन, संचार सेवा, बैंकिंग भंडारण, बीमा, इत्यादि।
इसे कुछ उदाहरणों से समझते हैं :- कृषि क्रियाकलाप प्राथमिक क्षेत्र के अंतर्गत आता है। कृषि उत्पादों को बाजार तक पहुंचना या बैंकों द्वारा ऋण देकर कृषि उत्पादन बढ़ाने में मदद किया जाता है। उसी प्रकार कल-कारखानों को कच्चे माल उद्योगों तथा उत्पादित माल बाजारों तक परिवहन साधनों से ही पहुंचाया जाता है। आधुनिक तकनीक के उपयोग के जरिए उद्योगों के उत्पादन क्षमता बढ़ाने में मदद करता है।
इस प्रकार प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्रक में जहां उत्पादन कार्य होता है! वही परिवहन, बैंकिंग, आधुनिक तकनीक जो तृतीयक क्षेत्रक के अंतर्गत आता है। यह केवल प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्रक को उत्पादन में मदद करता है। जबकि प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्रक उत्पादन कार्य करता है।
अतः स्पष्ट है कि तृतीयक क्षेत्रक अन्य क्षेत्रकों से भिन्न है।
अथवा
भारत सरकार द्वारा विदेशी व्यापार एवं विदेशी निवेश पर अवरोधक लगाने के क्या कारण थे? इन अवरोधकों को सरकार क्यों हटाना चाहती थी?
उत्तर:- भारत जब आजाद हुआ तब घरेलू उत्पादों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से संरक्षित करने की आवश्यकता महसूस की गई। भारतीय उद्योग 1950 एवं 1960 के दशक में अपनी प्रारंभिक अवस्था में था। इस अवस्था में आयातों से प्रतिस्पर्धा भारतीय उद्योगों को विकसित नहीं होने देती। इस कारण भारत सरकार ने आयातों को केवल मशीनरी, उर्वरक, पेट्रोलियम जैसी आवश्यक वस्तुओं तक ही सीमित रखा बाकि अन्य विदेशी व्यापार एवं विदेशी निवेश पर अवरोधक लगा दिऐ।
इन अवरोधों को को सरकार इसलिए हटाना चाहती थी क्योंकि कुछ वर्षों बाद भारतीय उत्पाद विश्व के उत्पादों से प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हो गई थी। अब यह महसूस किया जाने लगा था कि प्रतिस्पर्धा से घरेलू उत्पादकों के काम-काज में सुधार होगा! साथ ही इससे गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
इन्हीं कारणों से सरकार प्रारंभ में विदेशी व्यापार एवं विदेशी निवेश पर अवरोधक लगाना चाहती थी और बाद के वर्षों में अवरोधक हटाना चाहती है
- मानचित्र में प्रदर्शित खनिज उत्पादक केन्द्र एवं पत्तन के नाम का मिलान करें- हजारीबाग, अजमेर, लौह अयस्क क्षेत्र, चेन्नई और मंगलुरु।
उत्तर:-
(i) अजमेर
(ii) हजारीबाग
(iii) लौह अयस्क
(iv) चेन्नई
(v) मंगलुरु
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