JAC Class 10 History Chapter 4 | क्लास 10th औद्योगीकरण का युग सब्जेक्टिव क्वेश्चन आंसर | Audyogikaran ka Yug subjective question answer class 10th JAC Board

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JAC Class 10 History Chapter 4 | क्लास 10th औद्योगीकरण का युग सब्जेक्टिव क्वेश्चन आंसर | Audyogikaran ka Yug subjective question answer class 10th JAC Board
JAC Class 10 History Chapter 4 : आप सभी लोग झारखंड बोर्ड परीक्षा 2024 में देने वाले हैं आप कक्षा 10th सोशल साइंस इतिहास का 4 चैप्टरऔद्योगीकरण का युग का लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिया गया है बोर्ड परीक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण है औद्योगीकरण का युग का ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन आंसर क्लास 10th का भी नीचे लिंक दिया गया है ,JAC बोर्ड क्लास 10th Hostory का सब्जेक्टिव क्वेश्चन ,JAC बोर्ड क्लास 10th इतिहास का सब्जेक्टिव क्वेश्चन आंसर इस पेज में दिया गया है


औद्योगीकरण का युग लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर



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JAC Board class 10th history ka chapter 4 subjective question
Q1.औद्योगीकरण का युग किसे कहते हैं?

उत्तर :- जिस युग में हस्त निर्मित वस्तुएं बनाना कम हुई और फैक्ट्री मशीन एवं तकनीक का विकास हुआ, उसे औद्योगीकरण का युग कहा जाता है। इसमें खेतिहर समाज औद्योगिक समाज में बदल गई 11760 से 1840 तक के युग को औद्योगीकरण युग कहा जाता है।
Q2.पूर्व औद्योगीकरण किसे कहते हैं?

उत्तर :- यूरोप में औद्योगीकरण के पहले के काल को पूर्व औद्योगीकरण का काल कहते हैं, दूसरे शब्दों में कहा जाए तो यूरोप में सबसे पहले कारखाने लगने के पहले के काल को पूर्व औद्योगीकरण का काल कहते हैं, इस अवधि में गांव में सामान बनते थे, जिसे शहर के व्यापारी खरीदते थे।
Q3.स्टीम इंजन का आविष्कार किसने किया और किस ने इस पर सुधार किया?

उत्तर :- पहले स्टीम इंजन का आविष्कार न्यू कॉमेन ने किया और जेम्स वाट ने न्यूकामेन द्वारा उत्पादित स्टीम इंजन में सुधार किया।
Q4.स्टेप्लर्स और फुल किसे कहा जाता है?

उत्तर :- स्टेप्लर्स या स्टेपल यह ऊन को उसके फाइबर के अनुसार काटता है, और फुलर्ज फुल या प्लांटिंग करके कंपड़ा इकट्ठा करता है।
Q5. हम यह कैसे कह सकते हैं, कि कारखाने प्रणाली का पहला प्रतीक कपास था?

उत्तर :-

i.18 वीं शताब्दी के अंत में कपास का उत्पादन तेजी से बढ़ा।

ii. 1760 में ब्रिटेन अपने कपास उद्योग के लिए 2.5 मिलियन पाउंड कच्चे कपास का आयात कर रहा था।

iii. 1787 तक इसका आयात 22 मिलियन पाउंड तक बढ़ गया। अतः हम कह सकते हैं, कि कारखाने प्रणाली का पहला प्रतीक कपास था।
6. बुनाई उद्योग का अंततः 19वीं शताब्दी के अंत तक पतन हो गया, कोई एक कारण बताएं।

उत्तर :- बुनाई उद्योग का अंतः 19वीं शताब्दी के अंत तक पतन हो गया, क्योंकि भारतीय कारखाने आ जाने और मशीन से बने सामानों से बाजार पट गया, जिससे बुनाई उद्योग को नुकसान हुआ।
7.कार्डिंग क्या है?

उत्तर :- कार्डिंग एक प्रक्रिया है, जिसमें कपास या ऊन आदि रेशों को कताई के लिए तैयार किया जाता है।
8.स्पिनिंग जेनी क्या है?

उत्तर :- स्पिनिंग जेनी जेम्स हरग्रीन्स द्वारा 1764 में बनाई गई एक मशीन है। इस मशीन ने कताई की प्रक्रिया तेज कर दी और मजदूरों की मांग घटा दी। एक ही पहिया घुमाने वाला एक मजदूर बहुत सारी तकलियों को घुमा देता और एक साथ कई धागे बनने लगते थे।

Jharkhand Board class 10th history ka subjective question
9.औद्योगीकरण की शुरुआत कब और कहां हुई ?

उत्तर :- औद्योगीकरण की शुरुआत सर्वप्रथम इंग्लैंड में 1730 के दशक में – हुई, जब वहां कारखानों का उदय हुआ।
10.1840 के दशक के बाद शहरों में रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई। कैसे?

उत्तर :- 1840 के दशक के बाद शहरों में निर्माण की गतिविधियां तेजी से बढ़ी. लोगों के लिए नए रोजगार पैदा हुए। सड़कों को चौड़ा किया गया, नए रेलवे स्टेशन बने, रेलवे लाइनों का विस्तार किया गया, सुरंग बनाई गई निकासी और सीवर व्यवस्था बिछाई गई नदियों के तटबंध बनाए गए। इस प्रकार 1840 के दशक के बाद रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई।
11. औद्योगिक क्रांति से आप क्या समझाते हैं?

उत्तर :- 18 वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में उत्पादन की तकनीक एवं संगठन में हुए व्यापक और क्रांतिकारी परिवर्तन को औद्योगिक क्रांति के नाम से जाना जाता है।
12. ब्रिटेन की महिला कामगारों ने स्पिनिंग जेनी मशीनों पर हमले किए, व्याख्या करें।

उत्तर :- 1764 में जेम्स हरग्रीव्स ने स्पिनिंग जेनी नामक मशीन का आविष्कार किया इस मशीन ने कताई की प्रक्रिया तेज कर दी। स्पिनिंग जेनी मशीन के आ जाने से मजदूरों की मांग घट गई। एक ही पहिपा घुमाने वाला एक मजदूर बहुत सारी तकलियों को घुमा देता था और एक साथ कई धागे बनने लगते थे, जब इन मशीनों का प्रयोग शुरू हुआ हाथ से ऊन कातने वाली औरतें ने इस तरह की मशीनों पर हमला करने लगी, क्योंकि इस मशीन के चलते उनका काम छिन गया था, इस मशीन की वजह से शारीरिक श्रम की मांग घटने के कारण बहुत सी महिलाएं बेरोजगार हो गई थी। उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या आ खड़ी हुई थी, इसलिए उन्होंने स्पिनिंग जेनी के प्रयोग का विरोध किया।
13. 17 वीं शताब्दी में यूरोपीय शहरों के सौदागर गांवों में किसानों और कारीगरों से काम करवाने लगे । व्याख्या करें।

उत्तर :- 17 वी शताब्दी में यूरोपीय शहरों के सौदागर गांव में किसानों और

कारीगरों से काम करवाने लगे-

i. 17 वी तथा 18 वीं शताब्दी के समय विश्व व्यापार के विस्तार और दुनिया के विभिन्न भागों में वस्तुओं की बढ़ती मांग के कारण यूरोपीय शहरी सौदागरों ने ग्रामीण क्षेत्रों का रुख किया।

ii. शहरों में दस्तकारी और व्यापारिक गिल्डस के ताकतवर होने के कारण वे शहरों में रहते हुए अपने उत्पादन नहीं बढ़ा सकते थे।

iii.जबकि गांव में कॉमन्स की स्थापना के कारण गरीब व छोटे किसान अपनी आमदनी के नए स्रोत ढूंढ रहे थे। जब इन सौदागरों ने उन्हें माल तैयार करने के लिए पेशगी की रकम दी तो ये काम करने के लिए फौरन तैयार हो गए।

iv. ग्रामीण दस्तकार सौदागर उनके लिए काम करते हुए अपने खेतों को भी संभाल सकते थे इससे कुटीर उद्योग को बल मिला।
14. सूरत बंदरगाह 18 वीं सदी के अंत तक हाशिए पर पहुंच गया था। व्याख्या करें।

उत्तर :- 18 वीं सदी के अंत से पूर्व तक गुजरात का सूरत बंदरगाह भारत खाड़ी तथा लाल सागर बंदरगाहों से जुड़ा हुआ था । 1750 के दशक के पश्चात इस बंदरगाह पर भारतीय सौदागरों का नियंत्रण ढीला पड़ता गया। जिसके कारण भारत में यूरोपीय कंपनियों के प्रभाव में निरंतर वृद्धि होती जा रही थी। यूरोपीय कंपनियों द्वारा व्यापार पर इजारेदारी अधिकार हासिल कर लेने से सूरत व हुगली दोनों बंदरगाह कमजोर पड़ गए, जिससे इन पर होने वाले व्यापार में नाटकीय ढंग से कमी आई। 1740 के दशक में इस बंदरगाह पर होने वाला व्यापार 16 करोड़ रुपए से गिरकर केवल 30 लाख रह गया। दूसरी और बबई नए बंदरगाह के रूप में उभर आए थे।

अतः सूरत बंदरगाह 18 वीं सदी के अंत तक हाशिए पर पहुंच गया था।
15. ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में बुनकरों पर निगरानी रखने के लिए गुमाश्तों को नियुक्त किया था । व्याख्या करें।

उत्तर :- 1764 के युद्ध के बाद जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत पर राजनैतिक सत्ता स्थापित कर ली, तब कंपनी ने व्यापार पर एकाधिकार कायम करने के लिए उससे सीधा संबंध स्थापित करना चाहा उसके लिए उसने गुमाश्ता की नियुक्ति की ।

इन गुमाश्तों को अनेक प्रकार के काम सौंपा गए-

i. कंपनी ने सर्वप्रथम बुनकरों को सक्रिय व्यापारियों व दलालों से मुक्त करवाने के लिए इन पर निगरानी रखने, माल इकट्ठा करने और कपड़ों की गुणवत्ता जांचने के लिए वेतन भोगी कर्मचारी नियुक्त किए, जिन्हें गुमाश्ता कहा गया। खा यह गुमाश्ते बुनकरों को कर्ज देते थे ताकि वे किसी और व्यापारी को अपना माल तैयार करके ना दे सके।

ii. गुमाश्ते ही बुनकरों से तैयार माल को इकट्ठा कर कंपनी तक पहुंचाते थे।
16. आदि-औद्योगीकरण का मतलब बताएं।

उत्तर :- आदि औद्योगीकरण का इतिहास प्रारंभिक फैक्ट्रियों की स्थापना से शुरू होता है। इंग्लैंड और यूरोप में फैक्ट्रियों की स्थापना से भी पहले ही अंतर्राष्ट्रीय बाजार के लिए बड़े पैमाने पर औद्योगिक उत्पादन होने लगा था। यह उत्पादन फैक्ट्रियों में नहीं बल्कि घरों में होता था। बहुत सारे इतिहासकार औद्योगीकरण के इस चरण को पूर्व औद्योगीकरण कहते हैं । इस पूर्व औद्योगीकरण की अवस्था में व्यवसायिक आदान-प्रदान होता था। इस पर सौदागरों का नियंत्रण था और चीजों का उत्पादन कारखानों की बजाए घरों पर होता था। उत्पादन के प्रत्येक चरण में प्रत्येक सौदागर 20-25 मजदूरों से काम करवाते थे। इस प्रकार औद्योगीकरण से पहले फैक्ट्रियों के स्थापना से पहले के उत्पादन कार्य को आदि औद्योगीकरण कहा जाता था।

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17. मैनचेस्टर में बने कपड़े के आयात से भारत पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर :- मैनचेस्टर में बने कपड़े के आयात से भारत पर बड़ा गहरा प्रभाव पड़ा-

i. इस आपात से भारतीय कपड़ा उद्योग को बड़ी हानि हुई, क्योंकि अब भारतीय कपड़े के उपभोक्ता बहुत कम रह गए क्योंकि मैनचेस्टर का कपड़ा सस्ता और चमकदार होता था

ii. इससे भारत के बहुत से बुनकर बेकार हो गए जिन्हें आसपास के नगरों में जाकर मजदूरी का काम करना पड़ा ।

iii. भारतीय बाजार मैनचेस्टर में बने कपड़ों से भर गए जिससे यहां के भारतीय व्यापारियों को बड़ा नुकसान हुआ।
18.जॉबर किसे कहते हैं?

उत्तर :- मिलों की संख्या बढ़ने के साथ मजदूरों की मांग भी बढ़ रही थी और रोजगार चाहने वालों की संख्या रोजगार के मुकाबले हमेशा अधिक रहने के कारण नौकरी पाना कठिन था। मिलों में प्रवेश भी निषेध था। उद्योगपतियों द्वारा नए मजदूरों की भर्ती के लिए प्राय: एक जॉबर रखते थे। जॉबर प्रायः कोई पुराना और विश्वस्त कर्मचारी होता था, वह अपने गांव से लोगों को लाता था, उन्हें काम का भरोसा देता था, उन्हें शहर में बसने के लिए सहायता करता था और मुसीबत में आर्थिक सहायता भी करता था इस प्रकार जॉबर शक्तिशाली और मजबूत व्यक्ति बन गया था। बाद में जॉबर मदद के बदले पैसे व उपहार मांगने लगे और मजदूरों के जीवन को नियंत्रित करने लगे।

भारत में कारखानों के विकास पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें। उत्तर- भारत में सबसे पहले कपास और पटसन के कारखानों की स्थापना हुई पहली कपड़ा मिल 1854 में बंबई में स्थापित हुई । 1864 में इनकी संख्या 4 हो गई। कपड़ा मिल के बाद 1855 में बंगाल में पटसन मिल स्थापित हुई।
19. 1862 में बंगाल में ही एक और पटसन मिल स्थापित की गई?

उत्तर :- भारत में 1 860 के दशक में कानपुर में एलिंगन मिल प्रारंभ हुई और 1 वर्ष बाद अहमदाबाद में प्रथम कपड़ा मिल लगाई गई 1874 तक मद्रास की पहली कताई तथा बुनाई मिल ने उत्पादन शुरू कर दिया।
20. बीसवीं सदी में हथकरघे के कपड़े का उत्पादन बढ़कर 1900 और 1940 के बीच तिगुना हो गया था। कारण बताएं।

उत्तर :-

i.हथकरघा उत्पादकों ने नई प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया..जिससे उत्पादन में सुधार हुआ परंतु मूल लागत में कोई वृद्धि भी नहीं हुई।

ii. बीसवीं सदी के दूसरे दशक तक आते-आते अधिकतर बुनकरों को फ्लाई शटल वाले करघो का प्रयोग करते देखा जा सकता है, इससे प्रति व्यक्ति उत्पादकता बढ़ी, उत्पादन ढ़ा और श्रम की मांग में कमी आई। 1941 तक भारत में 35% से अधिक हथकरघो में फ्लाई शटल लगे होते थे। त्रावणकोर, मदास, मैसूर, कोचीन, बंगाल आदि क्षेत्रों में तो ऐसे कर 70- 80% तक थे।
22. पेशी की प्रणाली बुनकरों के लिए हानिकारक क्यों सिद्ध हुई?

उत्तर :-

i.बुनकरों के पास मोलभाव करने का अवसर नहीं बचा था।

ii.अधिकतर बुनकरों ने अपनी जमीन बटाई पर दे दी और वे सारा समय बुनाई में ही लगाते थे इस बुनकर कार्य में उनका पूरा परिवार ही लगा रहता था।

iii.अपनी जमीन खोने के बाद अधिकतर बुनकर खाद्यान्न की आपूर्ति के लिए दूसरों पर निर्भर हो गए।

iv.नए गुमाश्ता बाहरी लोग थे और उनके ग्रामीणों से कोई सामाजिक संपर्क नहीं थे, अतः वह आक्रमक होकर काम कराते, पुलिस के साथ गांव में घूमते और आपूर्ति में देरी के लिए बुनकरों को दंड देते थे।

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23. बाजार में श्रम की बहुतायत से मजदूरों की जिंदगी कैसे प्रभावित हुई?

उत्तर :- बाजार में श्रम की बहुतायत से मजदूरों की जिंदगी कई तरह से प्रभावित हुई-

i.कुल मिलाकर मजदूरों का जीवन बड़ा कष्टमय और दयनीय था।

ii.श्रम की बहुतायत की वजह से नौकरियों की भारी कमी थी।

iii. नौकरी मिलने की संभावना यारी दोस्ती कुनबे कुटुंब के जरिए जान पहचान पर निर्भर करती थी।

iv. बहुत सारी उद्योगों में मौसमी काम की वजह से कामगारों को च-बीच में बहुत समय तक खाली बैठना पड़ता था।

v. मजदूरों की आप की वास्तविक मूल्य में भारी कमी हो गई थी. जिससे गरीबी बढ़ रही थी।
24. मशीनी युग से पहले भारत का व्यापार कैसा था?

उत्तर :- मशीनी युग से पहले भारतीय उद्योग काफी फल-फूल रहे थे-

i.अंतर्राष्ट्रीय कपड़ा बाजार में भारत के रेशमी और सूती उत्पादों का दबदबा था।

ii. उच्च किस्म का कपड़ा भारत से आर्मी नियन और फारसी सौदागर पंजाब से अफगानिस्तान, पूर्वी भारत और मध्य एशिया लेकर जाते थे।

iii. विभिन्न प्रकार के भारतीय व्यापारी तथा बैंकर इस व्यापार नेटवर्क में शामिल थे।

iv. सूरत, हुगली और मछलीपट्टनम प्रमुख बंदरगाह होते थे।

v.दो प्रकार के व्यापारी इस उद्योग में लगे थे। एक आपूर्ति सौदागर तथा दूसरा निर्यात सौदागर ।

vi.बंदरगाहों पर बड़े जहाज मालिक तथा निर्यात व्यापारी दलाल के साथ कीमत पर मोलभाव करते थे और आपूर्ति सौदागर से माल खरीद लेते थे।




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