JAC Class 10 History Chapter 1 | क्लास 10th यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय सब्जेक्टिव क्वेश्चन आंसर | Europe Mein rashtrawad subjective question answer class 10th JAC Board



JAC Class 10th History Shorts Subjective

JAC Class 10 History Chapter 1 
| क्लास 10th यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय सब्जेक्टिव क्वेश्चन आंसर | Europe Mein rashtrawad subjective question answer class 10th JAC Board

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JAC Class 10 History Chapter 1 : दोस्तों अगर आप सभी लोग झारखंड बोर्ड परीक्षा 2024 में देने वाले हैं और आप कक्षा 10th सोशल साइंस इतिहास का पहला चैप्टर यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय का लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिया गया है बोर्ड परीक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण है यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय का ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन आंसर क्लास 10th का भी नीचे लिंक दिया गया है उसे लिंक पर क्लिक करके आप उसे भी पढ़ सकते हैं झारखंड बोर्ड क्लास 10th सोशल साइंस कासब्जेक्टिव क्वेश्चन ,झारखंड बोर्ड क्लास 10th इतिहास का सब्जेक्टिव क्वेश्चन आंसर इस पेज में दिया गया है।


यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर





Q1.राष्ट्रवाद से आप क्या समझते हैं?
उत्तर :- राष्ट्रवाद किसी राष्ट्र की सामूहिक पहचान होती है जो लोगों को एक समूह, इतिहास, परंपरा, भाषा, जातीयता और संस्कृति के आधार पर स्वयं को एकीकृत करती है।


Q6.जनमत संग्रह क्या है?
उत्तर :- एक प्रत्यक्ष मतदान, उसके जरिए एक क्षेत्र के सभी लोगों से एक प्रस्ताव को स्वीकार ,अस्वीकार करने के लिए पूछा जाता।


Q7.रूढ़िवाद से आप क्या समझते हैं?
उत्तर :- ऐसा राजनीतिक दर्शन जो परंपरा स्थापित संस्थाओं और रिवाजों पर जोर देता है और तेज बदलाव की जगह क्रमिक और धीरे-धीरे विकास को प्राथमिकता देता है।



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Q8.उदारवाद से आप क्या समझते हैं?
उत्तर :- उदारवाद शब्द लातिन भाषा के मूल् liber पर आधारित है जिसका अर्थ है ‘आजाद’ । नए मध्य वर्गों के लिए उदारवाद का मतलब था – व्यक्ति के लिए आजादी और कानून के समक्ष सबकी बराबरी । उदारवाद एक ऐसी सरकार के पक्ष में था जो सबकी सहमति पर बना हो । उदारवाद निरंकुश शासक और पादरी वर्ग के विशेष अधिकारों की समाप्ति संविधान और संसदीय प्रतिनिधि सरकार का पक्षधर था।
ii. बुर्बो वंश को पुनः सत्ता में बहाल करना ।

iii. फ्रांस की सीमाओं पर कई राज्य कायम करना ताकि भविष्य में फ्रांस विस्तार ना कर सके।

Q10.जॉलवेराइन क्या है?
उत्तर :- जॉलवेराइन प्रशा की पहल पर 1834 में स्थापित एक व्यापारी शुल्क संघ था जिसमें लगभग सभी जर्मन राज्य शामिल हुए। जॉलवेराइन का लक्ष्य जर्मन लोगों को आर्थिक रूप में एक राष्ट्रीयता में बांध देना था इस संघ ने बहुत से शुल्क अवरोधों को समाप्त कर दिया।

Q11.मैजिनी कौन था?
उत्तर :- मैजिनी इटली का एक क्रांतिकारी राष्ट्रवादी व्यक्ति था जिसका जन्म 22 जून 1807 में जेनेवा में हुआ था वह कार्बोना नामक गुप्त क्रांतिकारी संगठन का सदस्य था तथा 1831 में उसने यंग इटली और यंग यूरोप नामक दो भूमिगत संगठनों की स्थापना की थी।

Q12.मैटरनिख युग क्या था?
उत्तर :- मैटरनिख ऑस्ट्रिया का चांसलर था जो घोर प्रतिक्रियावादी था वह अपने राज्य में किसी भी प्रकार के सुधार के पक्ष में नहीं था। उसकी नीति थी कि शासन करो लेकिन कोई परिवर्तन नहीं होने दो |1815 से 1848 तक का काल यूरोप के इतिहास में मैटरनिख युग के नाम से जाना जाता है।

Q13.जर्मनी के एकीकरण में क्या बाधाएं थी?
उत्तर :- जर्मनी के एकीकरण में अनेक बाधाएं थी। 19वीं शताब्दी में जर्मनी 300 से ज्यादा टुकड़ों में बटाँ हुआ था जिसे एकीकृत करना एक बड़ी समस्या थी। सभी छोटे-बड़े सम्राट अपने स्वार्थवश अपनी गद्दी छोड़ने को तैयार नहीं थे दूसरी ओर जर्मनी ऑस्ट्रिया के अधीन होगा या प्रशा के अधीन यह भी एक बहुत बड़ी समस्या थी।

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Q14.वियना सम्मेलन की मेजबानी किसने की थी?
उत्तर :- सन 1815 में रूस ब्रिटेन प्रशा और ऑस्ट्रिया जैसे यूरोपीय शक्तियों ने मिलकर नेपोलियन को वाटर लू के युद्ध में हराया था तब इन देशों के प्रतिनिधि यूरोप के लिए एक समझौता तैयार करने के लिए वियना में मिले और इस सम्मेलन की मेजबानी ऑस्ट्रिया के चांसलर ड्यूक मेटरनिख ने की ।

उत्तर :- जब किसी अमूर्त विचार जैसे (स्वतंत्रता, मुक्ति, ईर्ष्या, लालच आदि) को किसी व्यक्ति या किसी चीज द्वारा इंगित किया जाता है तो उसे रूपक कहा जाता है।

Q16. नृजातीय से आप क्या समझते हैं?
उत्तर :- एक साझा नस्ली जनजातीय या सांस्कृतिक उद्गम अथवा पृष्ठभूमि जिसे कोई समुदाय अपनी पहचान मानता है।

Q17. नेपोलियन बोनापार्ट कौन था?
उत्तर :- नेपोलियन बोनापार्ट फ्रांस का एक महान सेनानायक था जिसके नेतृत्व में फ्रांस ने अनेक विजय प्राप्त की। बाद में उसे 1804 में फ्रांस का सम्राट घोषित किया गया। उसके द्वारा उदारवादी शासन व्यवस्था के लिए बनाई गई आचार संहिता प्रसिद्ध है।

Q18. 1848 ईस्वी के फ्रांसीसी क्रांति के क्या कारण थे? उत्तर- सन 1848 ईस्वी के फ्रांसीसी क्रांति के प्रमुख कारण निम्नलिखित थे-
i.मध्यम वर्ग के शासन का प्रभाव
ii. राजनीतिक दलों में संगठन का अभाव
iii. समाजवाद का प्रसार
iv. लुई फिलिप की नीति इस क्रांति का सबसे प्रमुख कारण लुई फिलिप की नीति और जनता में उसके प्रति असंतोष था। वह जनता की तत्कालीन समस्याओं को सुलझाने में असमर्थ था। लुई फिलिप के निरंकुशवाद से वहां मध्यवर्ग का प्रभाव बढ़ता जा रहा था । उदारवादी मध्य वर्ग के लोगों ने संविधानवाद की मांग को राष्ट्रीय एकीकरण की मांग से जोड़ दिया।

Q19.इटली और जर्मनी के एकीकरण में ऑस्ट्रिया की क्या भूमिका थी?
उत्तर :- इटली और जर्मनी के एकीकरण में ऑस्ट्रिया की काफी महत्वपूर्ण भूमिका थी। इटली और जर्मनी के एकीकरण में सबसे बड़ी बाधा ऑस्ट्रिया ही था। ऑस्ट्रिया कभी नहीं चाहता था कि इटली और जर्मनी का एकीकरण संभव हो दूसरी ओर एकीकरण के पूर्व जर्मनी 300 से ज्यादा भागों में बंटा हुआ था, जिसके 2 सबसे बड़े भाग ऑस्ट्रिया और प्रशा थे, ऑस्ट्रिया चाहता था कि जर्मनी उसके अधीन रहे जबकि प्रशा जर्मनी को अपना करना चाहता था क्योंकि जर्मनी की अधिकतर जनता प्रशा के अधीन होना चाहती थी जिससे स्पष्ट है, कि इटली और जर्मनी के एकीकरण में सबसे बड़ी बाधा ऑस्ट्रिया था ।

Q20.यूरोप में राष्ट्रवाद को फैलाने में नेपोलियन बोनापार्ट किस तरह सहायक हुआ?
उत्तर :- यूरोप में राष्ट्रीयता की भावना के विकास में फ्रांस की राज्यक्रांति के पश्चात नेपोलियन के आक्रमणों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। फ्रांसीसी क्रांति ने राजनीति को अभिजात्य वर्ग या परिवेश से बाहर कर उसे अखबारों सड़कों और सर्वसाधारण की वस्तु बना दिया। यूरोप के कई राज्यों में नेपोलियन के अभियानों द्वारा नवयुग का संदेश पहुंचा नेपोलियन ने जर्मनी और इटली के राज्यों
                              को भौगोलिक नाम की परिधि से बाहर कर उसे राजनीति और वास्तविक रूप रेखा प्रदान की। जिससे इटली और जर्मनी के एकीकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ दूसरी तरफ नेपोलियन की सुधारवादी नीतियों के कारण फ्रांसीसी प्रभुता और आधिपत्य के विरुद्ध यूरोप में देशभक्ति की भावना प्रबल हुई।

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Q21. गैरीबाल्डी के कार्यों की चर्चा करें।

उत्तर :- गैरीबाल्डी इटली के महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक था उनका संबंध एक ऐसे परिवार से था जो तटीय व्यापार में संलग्न था और स्वयं व्यापारिक नौसेना में एक नाविक था। 1833 में वह यंग इटली आंदोलन से जुड़ा और 1834 में पीडमॉण्ट के गणतंत्र विरोध में उस ने भाग लिया। गैरीबाल्डी मैजिनी के विचारों का समर्थक था तथा इटली के एकीकरण के लिए लाल कुर्ती के नाम से एक सेना का गठन भी किया। 1860 में गैरीबाल्डी ने दक्षिण इटली की तरफ हजारों लोगों का अभियान का नेतृत्व किया, इस अभियान में नए स्वयंसेवक जुड़ते चले गए और उनकी संख्या लगभग 30,000 तक पहुंच गई।

Q22. निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर :-
i. ज्युसेपे मैजिनी ज्युसेपे मैजिनी इटली का महान क्रांतिकारी था – उसका जन्म 1807 में जिनेवा में हुआ था और वह कार्बोनारी के गुप्त संगठन का सदस्य भी था 24 साल की अवस्था में लगुरिया क्रांति के लिए उसे बहिष्कृत कर दिया गया तत्पश्चात उसने दो और भूमिगत संगठनों की स्थापना की पहला मार्सेई में यंग इटली “और दूसरा बर्न में “यंग यूरोप” जिसके सदस्य समान विचारों को रखने वाले युवा थे। मैजिनी का विश्वास था कि ईश्वर की मर्जी के अनुसार राष्ट्र ही मनुष्यों की प्राकृतिक इकाई थी वह इटली के प्रदेशों को एकत्रित कर गणतंत्र की स्थापना करना चाहता था। वह राजतंत्र का घोर विरोध करता था, इसलिए मेटरनिख ने उसे “हमारी सामाजिक व्यवस्था का सबसे खतरनाक दुश्मन बताया।”

ii. काउंट कैमिलो दे कावूर काउंट कैमिलो दे कानूर इटली के सार्डिनीया पीडमॉण्ट का प्रमुख मंत्री था उसने इटली के प्रदेशों को एकीकृत करने के लिए आंदोलन का नेतृत्व किया। वह ना तो क्रांतिकारी था ना ही जनतंत्र में विश्वास रखता था वह इतालवी की अपेक्षा फ्रेंच भाषा को अधिक बेहतर ढंग से बोलता था। फ्रांस से उसके गहरे कूटनीतिक संबंध थे जिनकी सहायता से 1859 में उसने ऑस्ट्रिया को पराजित किया था इस प्रकार काबुर के प्रयासों के परिणाम स्वरुप 1861 में इटली का एकीकरण हुआ और सार्डिनीया के शासक विक्टर एमैनुएल द्वितीय को एकीकृत इटली का शासक घोषित किया गया।

iii. यूनानी स्वतंत्रता युद्ध – 15 वीं सदी से यूनान ऑटोमन साम्राज्य का हिस्सा था। यूरोप में क्रांतिकारी राष्ट्रवाद की प्रगति से यूनानियों का आजादी के लिए संघर्ष 1821 से आरंभ हो गया यूनान में राष्ट्रीय वादियों को निर्वासन में रह रहे यूनानियों के साथ पश्चिमी यूरोप के अन्य लोगों का समर्थन मिला, जो प्राचीन पूनानी संस्कृति कै प्रति सहानुभूति रखते थे। कवियों और कलाकारों ने यूनान को यूरोपीय सभ्यता का पालना बताकर प्रशंसा की और मुस्लिम साम्राज्य के विरुद्ध यूनान के संघर्ष के लिए जनमत जुटाया । अंग्रेज कवि लॉर्ड वायरन ने धन इकट्ठा किया और बाद में युद्ध में लड़ने गए जहां 1824 में बुखार से उनकी मृत्यु हो गई। अंततः 1832 की कुस्तुनतुनिया की संधि ने यूनान को एक स्वतंत्र राष्ट्र की मान्यता दी।

Q23.राष्ट्रवादी संघर्षों में महिलाओं की भूमिका पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर :- राष्ट्रवादी संघर्षों में सारी दुनिया में महिलाओं ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। राष्ट्रवादी संघर्षो में यद्यपि महिलाओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया फिर भी उदारवादी आंदोलन के अंदर महिलाओं को राजनीतिक अधिकार प्रदान करने का मुद्दा विवादास्पद था।
                        महिलाओं ने अपने राजनीतिक संगठन स्थापित किए, अखबार शुरू किए और राजनीतिक बैठकों और प्रदर्शनों में शिरकत की को भौगोलिक नाम की परिधि से बाहर कर उसे राजनीति और वास्तविक रूप रेखा प्रदान की। जिससे इटली और जर्मनी के एकीकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ

iv. प्रशा के राजा फ्रेडरिक विल्हेम चतुर्थ को ताज पहनाने की पेशकश की तो उसने अस्वीकार कर दिया और उन राजाओं का समर्थन किया जो निर्वाचित सभा के विरोधी थे।
v. संसद में मध्यवर्ग का प्रभाव बढ़ता ही चला गया उन्होंने मजदूरों और कारीगरों की मांग का विरोध किया, जिससे वे समर्थन खो बैठे। अंततः सैनिकों को बुलाकर असेंबली भंग कर दी गई।

Q26. मारीआन और जर्मेनिया कौन थे? जिस तरह उन्हें चित्रित किया गया उसका क्या महत्व था?
उत्तर :- फ्रांसीसी क्रांति के दौरान कलाकारों ने स्वतंत्रता न्याय और गणतंत्र जैसे विचारों को व्यक्त करने के लिए नारी रूपको का प्रयोग किया।
                                  फ्रांस में उसे लोकप्रिय ईसाई नाम मारिआन दिया गया जिसे स्वतंत्रता और गणतंत्र के प्रतीक लाल टोपी, तिरंगा और कलगी के साथ दर्शाया गया और उसकी प्रतिमाएं सार्वजनिक चौकों पर लगाई गई, मारीआन की छवि को सिक्के और डाक टिकटों पर अंकित की गई ताकि लोगों को एकता के राष्ट्रीय प्रतीक की पाद आती रहे।
                इसी तरह जर्मेनिया जर्मन राष्ट्र का रूपक बन गई जर्मेनिया बलुत वृक्ष के पत्तों का मुकुट पहनती है, क्योंकि जर्मन बलूत वीरता का प्रतीक है।

Q27. अपने शासन वाले क्षेत्रों में शासन व्यवस्था को ज्यादा कुशल बनाने के लिए नेपोलियन ने क्या बदलाव किए?
उत्तर :- अपने शासन वाले क्षेत्रों में शासन व्यवस्था को ज्यादा कुशल बनाने के लिए नेपोलियन ने निम्नलिखित प्रमुख सुधार किए-

i.जन्म पर आधारित विशेषाधिकार समाप्त कर दिए गए और कानून के समक्ष सबकी बराबरी के नियम लागू किए।

ii. संपत्ति के अधिकार को सुरक्षित बनाया।

iii.प्रशासनिक विभाजनो को सरल बनाया, सामंती व्यवस्था को खत्म किया और किसानों को भू दासत्व और जागीरदार – शुल्क से मुक्ति दिलाई।

iv. पातायात और संचार व्यवस्था में सुधार किया गया। इ) शहरों में कारीगरों के श्रेणी संघो के विभिन्न नियंत्रणों को समाप्त कर दिया गया।

ii. बाल्कन क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा ऑटोमन साम्राज्य के अधीन था जो अपने पतन के कगार पर था।

iii. स्लाव बाल्कन के जातीय समूह उदारवादी और राष्ट्रवादी विचारों से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके। अतः ये सभी जातीय समूह राष्ट्र राज्य की मांग करने लगे।

iv. बाल्कन राज्य एक दूसरे से भारी ईर्ष्या करते थे और हर एक राज्य अपने लिए ज्यादा से ज्यादा इलाका हथियाना चाहता था।



v. रूस, जर्मनी, इंग्लैंड ऑस्ट्रो- हंगरी की हर ताकत बाल्कन पर अन्य शक्तियों की पकड़ को कमजोर कर के क्षेत्र में अपने प्रभाव को बढ़ाना चाहती थी। अतः इन सभी कारणों से बाल्कन में राष्ट्रवादी तनाव पनपा।

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