Class 10 th A to z formula magic
Chapter 1 वास्तविक संख्याये (Real number) formulas
प्राकृतिक संख्या ⇒ 1,2,3,4, 5, ……..
सम संख्या ⇒ 2, 4, 6, 8, 10, ……
विषम संख्या ⇒ 1, 3, 5, 7, 9,…..
पूर्णांक संख्या ⇒…, -3,-2,-1, 0,1, 2, 3, ..
पूर्ण संख्या ⇒ 0, 1, 2, 3, 4, ……
भाज्य संख्या ⇒ 4, 6, 8, 9, ……
अभाज्य संख्या ⇒ 2, 3, 5,7,11, ..
सह अभाज्य संख्या ⇒ ex. (5, 7), (2, 3)
परिमेय संख्या ⇒ ex. √4 ,7/5, 2/3,3
अपरिमेय संख्या ⇒ ex. √5, √7 ,√11 ,√13
वास्तविक संख्या ⇒ ex. √4 ,√11,4/7,1,6 ,
अवास्तविक संख्या ⇒ ex. √-6, √-5, √-29
वास्तविक संख्याएँ | Real Numbers
क्लास 10 के गणित चैप्टर में वास्तविक संख्याएँ सबसे पहली इकाई है, जिसमे विभिन्न प्रकार के फार्मूला का प्रयोग होता है. जो इस प्रकार है.
परिमेय संख्या: वह संख्या जो p/q के रूप में लिखा जा सकता है, उसे परिमेय संख्या कहते है.
जहाँ p तथा q पूर्णांक हैं एवं q ≠ 0
अर्थात p और q दोनों पूर्णांक हो लेकिन q कभी शून्य न हो. जैसे:- 4, 1.77 , 0 , 2/3 आदि.
अपरिमेय संख्या: वह संख्या जिसे p/q के रूप में नहीं लिखा जा सकता है, वह अपरिमेय संख्या कहलाती है.
जहाँ p तथा q पूर्णांक हैं एवं q ≠ 0
जैसे – √2, 5 + √3 , √2 , 5 1/3 , π ….. आदि.
HCF और LCM के सूत्र
- ल.स. = (पहली संख्या × दूसरी संख्या) ÷ HCF
- ल.स × म.स. = पहली संख्या × दूसरी संख्या
- पहली संख्या = (LCM × HCF) ÷ दूसरी संख्या
- म.स. = (पहली संख्या × दूसरी संख्या) ÷ LCM
- दूसरी संख्या = (LCM × HCF) ÷ पहली संख्या
युक्लिड विभाज प्रमेयिका:
दो धनात्मक पूर्णांक a और b दिए हो, तो ऐसी अद्वितीय पूर्ण संख्याएँ q और r विधमान होंगे कि a = bq + r हो. जहाँ 0 ≤ r < b है.
Chapter 2 बहुपद (Polynomial) formulas
यदि द्विघात बहुपद ax2+bx+c के मूल / शून्यक हों, तो
यदि त्रिघात बहुपद ax3+bx2+cx+d के मूल /शून्यक हों, तो
Chapter-3 दो चरो वाले रैखिक समीकरण युग्म (Pair of linear equations in two variables) formulas
एक रैखिक समीकरण युग्म को निम्न दो तरीको से हल किया जा सकता है
(i) ग्राफीय विधि द्वारा
(ii) बीजगणितीय विधि द्वारा
ग्राफीय विधि द्वारा एक रैखिक समीकरण युग्म को हल करना
दो चर में एक रेखीय समीकरण युग्म का ग्राफ दो रेखाओ द्वारा दर्शाया जाता है।
(i) यदि रेखाएँ एक बिंदु पर प्रतिच्छेद करती हैं तो, वह बिंदु दोनों समीकरण का अद्वितीय हल होता है। इस स्थिति में, समीकरण युग्म संगत होता है।
(ii) यदि रेखाएँ संपाती हैं, तो उसके अपरिमित रूप से अनेक हल होते हैं-रेखा पर स्थित प्रत्येक बिंदु हल होता है। इस स्थिति में, समीकरण युग्म आश्रित ( संगत) होता है।
(iii) यदि रेखाएँ समांतर हैं, तो समीकरण युग्म का कोई हल नहीं होता है। इस स्थिति में, समीकरण युग्म असंगत होता है।
बीजगणितीय विधि द्वारा एक रैखिक समीकरण युग्म को हल करना
(i) प्रतिस्थापन विधि
(ii) विलोपन विधि
(iii) वज्न-गुणन विधि
यदि दिए गए रैखिक समीकरण a1x+b1y+c1=0 और a2x+b2y+c2=0 एक रैखिक समीकरण युग्म को प्रदर्शित करते हैं,तो
(i) इस स्थिति में, रैखिक समीकरण युग्म संगत होता है।
(ii)
इस स्थिति में, रैखिक समीकरण युग्म असंगत होता है।
(iii)
इस स्थिति में, रैखिक समीकरण युग्म आश्रित ( संगत) होता है।
chapter – 4 द्विघात समीकरण ( quadratic equation ) formulas
द्विघात समीकरण ax2+bx+c के मूल
यदि
हो।
द्विघात समीकरण
में,
(i) दो भिन्न वास्तविक मूल होते हैं, यदि
(ii) दो बराबर मूल (अर्थात् संपाती वास्तविक मूल) होते हैं, यदि
(iii) कोई वास्तविक मूल नहीं होते हैं, यदि
Chapter – 5 समान्तर श्रेणी (Arithmetic progression) formulas
A.P. का व्यापक रूप है।
संख्याओं की एक दी हुई सूची A.P. होती है, यदि अंतरों , से एक ही ( समान ) मान प्राप्त हो, अर्थात् k के विभिन्न मानों के लिए एक ही हो।
प्रथम पद a और सार्व अंतर d वाली A.P. का n वाँ पद (या व्यापक पद) an
किसी A.P के प्रथम n पदों का योग S
सूत्र
से प्राप्त होता है।
यदि एक परिमित A.P. का अंतिम पद L है, तो इस A.P. के सभी पदों का योग S
सूत्र
Chapter – 6 त्रिभुज (Triangles)
Q.पाइथागोरस प्रमेय सिद्ध करो
Ans – पाइथागोरस प्रमेय
Chapter – 7 निर्देशांक ज्यामिति (coordinate geometry)
और के बीच की दूरी –
बिंदु P(x, y) की मूलबिदु से दूरी –
उस बिंदु P(x, y) के निर्देशांक जो बिंदुओं और को जोड़ने वाले रेखाखंड को के अनुपात में आंतरिक रूप से विभाजित करता है –
बिंदुआं और को जोड़ने वाले रेखाखंड PQ के मध्यबिदु के निर्देशांक –
बिंदुआं और से बनने वाले त्रिभुज का क्षेत्रफल
Chapter – 8 त्रिकोणमिति परिचय (introduction trigonometry) formulas
समकोण त्रिभुज ABC में, जिसका कोण B समकोण है,
Chapter – 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग (Some applications of trigonometry) formulas
(ii) यदि हमे किसी वस्तु को देखने के लिए अपने सिर को ऊपर की तरफ उठाये अथार्थ जब क्षैतिज रेखा से बना कोण क्षैतिज से ऊपर हो तो वह कोण उन्नयन कोण होता है
(iii) यदि हमे किसी वस्तु को देखने के लिए अपने सिर को नीचे की तरफ झुकाना पड़े अथार्थ जब क्षैतिज रेखा से बना कोण क्षैतिज से नीचे हो तो वह कोण अवनमन कोण होता है
वृत्त की परिधि =
वृत्त का क्षेत्र =
θ कोण के क्षेत्र का क्षेत्रफल =
θ कोण के एक क्षेत्र की चाप की लंबाई =
(r = वृत्त की त्रिज्या )
Chapter – 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन (Surface areas and Volume) formulas
घनाभ का पृष्ठीय क्षेत्रफल =
घन का पृष्ठीय क्षेत्रफल
बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल
बेलन का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल
शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल
शंकु का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल , अर्थात्
गोले का पृष्ठीय क्षेत्रफल
अर्धगोले का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल
अर्धगोले का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल
घनाभ का आयतन
घन का आयतन
बेलन का आयतन
शंकु का आयतन
गोले का आयतन
अर्धरोले का आयतन
शंकु के छिन्नक का आयतन
शंकु के छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल जहाँ
शंकु के छिन्नक का संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल
Chapter – 14 सांख्यिकी (Statistics) formulas
प्रत्यक्ष विधि:
कल्पित माध्य विधि
पग-विचलन विधि:
वर्गीकृत आँकड़ों का बहुलक सूत्र
बहुलक
वर्गीकृत आँकड़ों का माध्यक सूत्र
माध्यक
Chapter – 15 प्रायिकता (probability) formulas
घटना E की सैद्धांतिक ( या परंपरागत) प्रायिकता P(E)
A = प्रयोग के अनुकूल परिणामों की संख्या
N = प्रयोग के सभी संभावित परिणामों की संख्या
एक निश्चित घटना की प्रायिकता P(E)=1 होती है।
एक असंभव घटना की प्रायिकता P(E)=0 होती है।
किसी भी घटना E के लिए
जहाँ E घटना (E नहीं ) को व्यक्त करता है E और पूरक घटनाएँ कहलाती हैं।