NCERT Class 10 Science Chapter 5 जैव प्रक्रम
IMPORTANT QUESTION ANSWER FOR BOARD EXAM
महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर कक्षा दसवीं जैव प्रक्रम (जीव विज्ञान
प्रश्न 1. स्वयंपोषी पोषण तथा विषमपोषी पोषण में क्या अंतर है?
उत्तरः स्वयंपोषी पोषण में पर्यावरण से सरल अकार्बनिक पदार्थ लेकर तथा बाह्य ऊर्जा स्रोत जैसे सूर्य के प्रकाश का उपयोग करके उच्च ऊर्जा वाले जटिल कार्बनिक पदार्थों का संश्लेषण होता है जबकि विषमपोषी पोषण में दूसरे जीवों द्वारा तैयार किये गये जटिल पदार्थों का अंतर्ग्रहण होता है।
प्रश्न 2. प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक कच्ची सामग्री पौधा कहाँ से प्राप्त करता है?
उत्तरः पौधे, प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक कार्बन डाइ ऑक्साइड को वायु से, प्रकाश को सूर्य से, जल तथा अन्य खनिज लवणों को मृदा से प्राप्त करते हैं।
प्रश्न 3. हमारे आमाशय में अम्ल की भूमिका क्या है?
उत्तरः हमारे आमाशय में उपस्थित हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एक अम्लीय माध्यम तैयार करता है जो पेप्सिन एंजाइम की क्रिया में सहायक होता है। यह भोजन में उपस्थित कीटाणुओं को भी नष्ट करता है।
प्रश्न 4. पाचक एंजाइमों का क्या कार्य है?
उत्तरः पाचक एंजाइम प्रोटीन को अमीनो अम्ल, कार्बोहाइड्रेट को ग्लूकोज़ तथा वसा को वसीय अम्ल एवं ग्लिसरोल में परिवर्तित कर देते हैं।
प्रश्न 5. पचे हुए भोजन को अवशोषित करने के लिए क्षुद्रांत्र को कैसे अभिकल्पित किया गया है?
उत्तरः क्षुद्रांत्र के आन्तरिक आस्तर पर अनेक अंगुली जैसे प्रवर्ध होते हैं जिन्हें दीर्घरोम कहते हैं। ये अवशोषण का सतही क्षेत्रफल बढ़ा देते हैं। दीर्घरोम में रुधिर वाहिकाओं की बहुतायत होती है जो भोजन को अवशोषित करके शरीर की प्रत्येक कोशिका तक पहुँचाते हैं।
प्रश्न 6. श्वसन के लिए ऑक्सीजन प्राप्त करने की दिशा में एक जलीय जीव की अपेक्षा स्थलीय जीव किस प्रकार लाभप्रद है?
उत्तरः जलीय जीव जल में घुली हुई ऑक्सीजन का प्रयोग श्वसन के लिए करते हैं जबकि स्थलीय जीव वायु में उपस्थित ऑक्सीजन का। चूँकि जल में घुली हुई ऑक्सीजन की मात्रा वायु में उपस्थित ऑक्सीजन की मात्रा से कम है इसलिए जलीय जीवों की श्वसन दर स्थलीय जीवों की श्वसन दर से अधिक होती है।
प्रश्न 7. ग्लूकोज़ के ऑक्सीकरण से भिन्न जीवों में ऊर्जा प्राप्त करने के विभिन्न पथ क्या हैं?
उत्तरः जीव निम्नलिखित तीन पथों द्वारा ग्लूकोज़ का ऑक्सीकरण करके ऊर्जा प्राप्त करते हैं -
1. ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में पायरुवेट का विखंडन
2. ऑक्सीजन की कमी में पायरुवेट का विखंडन
3. ऑक्सीजन की उपस्थिति में ग्लूकोज़ का विखंडन
प्रश्न 8. मनुष्यों में ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड का परिवहन कैसे होता है?
उत्तरः मनुष्यों में ऑक्सीजन का परिवहन हमारे रुधिर में उपस्थित वर्णक हीमोग्लोबिन वायु में उपस्थित ऑक्सीजन से बंध जाता है तथा उसे फेफड़ों तक ले जाता है जहाँ से वह सभी कोशिकाओं को पहुँचा दी जाती है। मनुष्यों में कार्बन डाइऑक्साइड का परिवहन कार्बन डाइऑक्साइड गैस जल में घुलनशील होने के कारण रुधिर में घुल जाती है तथा श्वसन द्वारा शरीर से बाहर निकाल दी जाती है।
प्रश्न 9. गैसों के विनिमय के लिए मानव-फुफ्फुस में अधिकतम क्षेत्रफल को कैसे अभिकल्पित किया है?
उत्तरः मानव-फुफ्फुस गुब्बारे जैसी संरचनाएँ लिये होते हैं, जिन्हें एल्वियोली कहते हैं। गुब्बारे जैसी ये संरचनाएँ श्वसन के लिए आवश्यक गैसों की मात्रा व अन्य आवश्यकताओं के अनुसार फैल एवं सिकुड़ सकती हैं।
प्रश्न 10. मानव में वहन तंत्र के घटक कौन-से हैं? इन घटकों के क्या कार्य हैं?
उत्तरः मानव में वहन तंत्र के घटक व उनके कार्य निम्नवत् हैं
1. रुधिर रुधिर खनिजों, श्वसन गैसों (CO₂व 02), व्यर्ज पदार्थों, हॉर्मोन्स, जल, अकार्बनिक पदार्थों तथा अन्य रसायनों का वहन करता है।
2. रूधिर वाहिकाएँ (धमनी तथा शिराएँ) धमनी हृदय से रुधिर को शरीर के विभिन्न भागों में पहुँचाती हैं जबकि शिराएँ विभिन्न भागों से रुधिर एकत्र करके हृदय तक वापस लाती हैं।
3. हृदय हृदय एक पंप की तरह प्रत्येक क्षण रुधिर को हमारे शरीर में पंप करता रहता है।
4. लसीका पचे हुए तथा क्षुद्रांत्र द्वारा अवशोषित वसा का वहन लसीका द्वारा होता है तथा यह अतिरिक्त तरल को बाह्य कोशिकीय अवकाश से वापस रुधिर में ले जाता है।
प्रश्न 11. स्तनधारी तथा पक्षियों में ऑक्सीजनित तथा
विऑक्सीजनित रुधिर को अलग करना क्यों आवश्यक है?
उत्तरः स्तनधारी तथा पक्षियों में ऑक्सीजनित तथा विऑक्सीजनित रुधिर को अलग करना आवश्यक है, क्योंकि इस तरह का बँटवारा शरीर को उच्च दक्षतापूर्ण ऑक्सीजन की पूर्ति कराता है। स्तनधारी तथा पक्षियों को अपने शरीर का ताप नियंत्रित करने के लिए उच्च ऊर्जा की आवश्यकता होती है जो उन्हें ऑक्सीजन की अधिक मात्रा से ही प्राप्त होती है।
प्रश्न 12. उच्च संगठित पादप में वहन तंत्र के घटक क्या हैं?
उत्तरः उच्च संगठित पादप में वहन तंत्र के घटक जाइलम तथा फ्लोएम हैं।
प्रश्न 13. पादप में जल और खनिज लवण का वहन कैसे होता है?
उत्तरः पादप में जल और खनिज लवण का वहन जाइलम द्वारा होता है।
प्रश्न 14. पादप में भोजन का स्थानांतरण कैसे होता है?
उत्तरः पादप में भोजन का स्थानांतरण फ्लोएम द्वारा होता है।
प्रश्न 16.. वृक्काणु (नेफ्रॉन) की रचना तथा क्रियाविधि का वर्णन कीजिए।
उत्तरः वृक्काणु वृक्क की कार्यात्मक इकाई होते हैं। प्रत्येक वृक्काणु रुधिर को छानता है तथा मूत्र का निर्माण करता है।
वृक्काणु के निम्नलिखित भाग होते हैं -
1. एक बोमैन संपुट ग्लोमेरूलस के साथ।
2. एक लम्बी नलिका।
वृक्काणु के कार्य निम्नवत् हैं -
1. रुधिर रिनल धमनी में बहुत उच्च दाब पर बहता है जिससे ग्लोमेरूलस की पतली दीवारों से रुधिर छनता रहता है।
2. रुधिर कोशिकाएँ और प्रोटीन केशिकाओं में ही रहती हैं जबकि जल की अधिकांश मात्रा और घुले हुए खनिज बोमैन संपुट द्वारा छान दिये जाते हैं।
3. इस निस्यंद में वर्ण्य पदार्थ जैसे यूरिया के साथ-साथ लाभदायक पदार्थ जैसे ग्लूकोज़ आदि उपस्थित रहते हैं। इनके अतिरिक्त जल की अतिरिक्त मात्रा जो शरीर के लिए उपयोगी नहीं होती वह भी होता है।
4. जब यह निस्यंद नलिका में आता है तो लाभदायक पदार्थों; जैसे- ग्लूकोज़ अमीनो अम्ल, जल का पुनः नलिका में उपस्थित केशिकाओं द्वारा अवशोषण होता है।
5. उन वर्ण्य पदार्थों का भी छनन इन केशिकाओं द्वारा होता है जो शेष रह जाते हैं।
6. अन्त में निस्यद में केवल यूरिया, अन्य वर्ण्य पदार्थ तथा जल ही रह जाता है जिसे अब मूत्र कहा जाता है। यह संग्राहक में एकत्रित होता रहता है।
प्रश्न 17. उत्सर्जी उत्पाद से छुटकारा पाने के लिए पादप किन विधियों का उपयोग करते हैं?
उत्तरः उत्सर्जी उत्पादों से छुटकारा पाने के लिए पादप प्रकाश-संश्लेषण, वाष्पोत्सर्जन, उन पत्तियों को गिराना जिनमें वर्ण्य पदार्थ एकत्र रहते हैं, आदि क्रियाएँ करते हैं। इनके अतिरिक्त वे वर्ण्य पदार्थों को रेजिन तथा गोंद के रूप में एकत्रित करते हैं तथा कुछ वर्ण्य पदार्थों को अपने आस-पास की मृदा में उत्सर्जित भी करते हैं।
प्रश्न 18. मूत्र बनने की मात्रा का नियमन किस प्रकार होता है?
उत्तरः मूत्र बनने की मात्रा का नियमन पुनरावशोषण क्रिया द्वारा होता है। मूत्र में जल की मात्रा शरीर में उपलब्ध अतिरिक्त जल की मात्रा पर तथा कितना विलेय स्वयं उत्सर्जित करना है, पर निर्भर करता है।
19..प्रकाश संश्लेषण के लिए पत्तियों में कौन-से अनुकूलन होते हैं?
Ans. प्रकाश संश्लेषण वह क्रिया है जिसमें पौधे अपने हरे रंग वाले अंगों जैसे पत्ती द्वारा सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में वायु से कार्बनडाइऑक्साइड तथा भूमि से जल लेकर जटिल कार्बनिक खाद्य पदार्थों जैसे कार्बोहाइड्रेट्स का निर्माण करते हैं तथा ऑक्सीजन गैस (0₂) बाहर निकालते हैं।
20. रक्त (रुधिर) क्या है? इसके कोई दो कार्य लिखिए।[2019]
Ans. रक्त एक तरल संयोजी ऊतक होता है जिसका रंग एक विशेष प्रकार की प्रोटीन हीमोग्लोबिन के कारण लाल होता है।
कार्य-(i) यह ऑक्सीजन का परिवहन करता है।
(ii) यह श्वसन के समय बनने वाली कार्बन डाइऑक्साइड
को वापस फेफड़ों तक लाता है।
21.हमारे शरीर में ग्राही का क्या कार्य है? ऐसी स्थिति पर विचार कीजिए जहाँ ग्राही उचित प्रकार से कार्य नहीं कर रहे हैं। क्या समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं? [2018]
Ans. वातावरण से सूचनाएँ प्राप्त करना ग्राही अंगों का मुख्य कार्य है। ये आही हमारे संवेदी अंगों में स्थित होते हैं। कुछ ऐसी अवस्थाएँ जहाँ ग्राही उचित प्रकार से कार्य न कर सकें जैसे-भूखे व्यक्ति में मुँह में पानी का आना, घुटने का प्रतिक्षेप आदि जो कि तुरन्त मेरुरज्जु द्वारा होती है, तब मस्तिष्क द्वारा संपादित होने में काफी समय लग जाएगा जिससे कुछ दुर्घटनाएँ हो सकती है।
22. किन परिस्थितियों में पौधों में समुचित परिवहन तंत्र की उपस्थिति आवश्यक हो जाती है ? [2017]
Ans. पादपों की जड़ें मृदा में से जल तथा घुले लवणों का अवशोषण करती हैं, जिसकी आवश्यकता पादप के मृदा से ऊपर वाले हिस्सों को होती है। अतः इन पदार्थों का जड़ से तना, पत्तियों तथा पुष्पों तक परिवहन आवश्यक है।
(23.) गैसों के अधिकतम विनिमय के लिए कुपिकाएँ किस प्रकार अभिकल्पित हैं?[2014]
Ans. जब हम श्वास अंदर लेते हैं तब हमारी पसलियाँ ऊपर उठती हैं। वे बाहर की ओर झुक जाती हैं। इससे वक्षीय गुहा
का क्षेत्रफल बढ़ता है और साथ ही कुपिका का क्षेत्रफल भी बढ़ जाता है जिसके कारण श्वास के रास्ते से वायु अंदर आकर फेफड़े में भर जाते हैं।
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24.मधुमेह क्या है? यह क्यों होता है ? [2013]
Ans. मधुमेह एक प्रकार की बिमारी है। जो मानव रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने से होता है।
25. द्विखण्डन बहुखण्डन से किस प्रकार भित्र है ? कोई दो अन्तर लिखिए [2009]
Ans. द्विखंडन इस विधि द्वारा एक कोशिकीय जीव दो भागों में विभक्त होता है और प्रत्येक भाग एक नये जीव में विकसित होता है, जैसे अमीबा । बहुखंडन इस विधि में एक कोशिकीय जीव अनेक भागों में विभक्त होता है तथा प्रत्येक भाग एक नये जीव में विकसित होता है। जैसे मलेरिया परजीवी (प्लाज्मोडियम)।
26. (a) मानव-हृदय के आर कोष्ठों के होने से क्या लाभ है? [2016] (b) ऑक्सीजन फेफड़े से ऊत्तक्कों तक कैसे पहुंचती है? [2016]
Ans. (उत्तर
*(a) मानव-हृदय के चार कोष्ठों के होने से क्या लाभ है?*
मानव हृदय में चार चैम्बर (दो आलिंद और दो निलय) होते हैं जो ऑक्सीजन युक्त और कार्बन डाइऑक्साइड युक्त रक्त को अलग रखते हैं। इससे रक्त संचार कुशलता से होता है और शरीर को आवश्यक ऑक्सीजन मिलती है। चार चैम्बर होने से हृदय रक्त को प्रभावी ढंग से पंप कर पाता है और शरीर के विभिन्न भागों में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करता है।
*(b) ऑक्सीजन फेफड़े से ऊतकों तक कैसे पहुंचती है?*
फेफड़ों में ऑक्सीजन रक्त में विसरित होती है और हीमोग्लोबिन के साथ मिलकर ऑक्सीहीमोग्लोबिन बनाती है। यह रक्त द्वारा शरीर के विभिन्न भागों में पहुंचाई जाती है, जहां इसका उपयोग ऊर्जा उत्पादन के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया में, हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन को छोड़ देता है और कार्बन डाइऑक्साइड को ग्रहण करता है, जो फेफड़ों में वापस आकर बाहर निकलती है।
27.(a) मनुष्य के शरीर में प्रोटीन का पाचन कैसे होता है
(b) एक नेफ्रॉन (वृक्काणु या वृक्क नलिका) का
*(a) मनुष्य के शरीर में प्रोटीन का पाचन कैसे होता है?*
उत्तर
मनुष्य के शरीर में प्रोटीन का पाचन पेट में शुरू होता है, जहां पेप्सिन नामक एंजाइम प्रोटीन को पेप्टाइड्स में तोड़ता है। इसके बाद, ड्यूडेनम में पैनक्रियाटिक रस में उपस्थित ट्रिप्सिन नामक एंजाइम प्रोटीन को अमीनो एसिड में तोड़ता है।
*(b) एक नेफ्रॉन (वृक्काणु या वृक्क नलिका) का नामांकित चित्र बनाइए।*
उत्तर
एक नेफ्रॉन में निम्नलिखित भाग होते हैं:
1. बोमेन का कैप्सूल
2. ग्लोमेरुलस
3. प्रॉक्सिमल कन्वोल्यूटेड ट्यूब
4. लूप ऑफ हेनले
5. डिस्टल कन्वोल्यूटेड ट्यूब
6. कलेक्टिंग डक्ट
इन भागों के नामांकित चित्र के लिए एक आरेख की आवश्यकता होगी।
उत्तर: पादप उत्सर्जी उत्पाद से छुटकारा पाने के लिए निम्नलिखित विधियों का उपयोग करते हैं:
- उत्सर्जी पदार्थों को पत्तियों में जमा करना और पतझड़ के माध्यम से उनसे मुक्ति पाना।
- अतिरिक्त भोजन तथा अन्य पदार्थों को तनों, फलों और सहायक अंगों में जमा करना।
- लेटेक्स, रेजिन, टेनिन और एल्केलॉइड को पुराने तनों में जमा करना।
29.. कुछ बहुकोशिकीय जीव तंत्रिकीय संचार के बजाय रासायनिक संचार का उपयोग क्यों करते हैं?
उत्तर: बहुकोशिकीय जीव रासायनिक संचार का उपयोग करते हैं क्योंकि कोशिकाएं विद्युतीय आवेगों को लगातार उत्पन्न करने और भेजने में सक्षम नहीं होती हैं।
30. मानव वृषण के क्या कार्य हैं? कोई दो कार्य लिखिए।
उत्तर: मानव वृषण के दो प्रमुख कार्य हैं:
1. शुक्राणु का निर्माण करना।
2. टेस्टोस्टेरोन हार्मोन स्रावित करना।
31. श्वसन के लिए ऑक्सीजन प्राप्त करने के सन्दर्भ में एक स्थलीय जीव जलीय जीव की अपेक्षा किस प्रकार अधिक लाभदायक स्थिति में होता है?
उत्तर: स्थलीय जीव वातावरण से सीधे ऑक्सीजन लेते हैं, जबकि जलीय जीव जल में घुली हुई ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं। वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा अधिक होती है, जिससे स्थलीय जीवों को ऑक्सीजन प्राप्त करने में आसानी होती है।
32. मनुष्य जैसे बहुकोशिकीय जीवों में ऑक्सीजन की आवश्यकता को पूरा करने में विसरण पर्याप्त नहीं है, क्यों?
उत्तर: मनुष्य जैसे बहुकोशिकीय जीवों में विसरण पर्याप्त नहीं है क्योंकि उनके शरीर की सभी कोशिकाएं वातावरण के संपर्क में नहीं रहती हैं। विसरण केवल सतह पर स्थित कोशिकाओं में ही हो सकता है, जिससे शरीर की सभी कोशिकाओं तक ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए एक विशेष परिवहन तंत्र की आवश्यकता होती है।
33.अमीबा में पोषण का सचित्र वर्णन कीजिए।
प्रश्न 34.. स्वयंपोषी पोषण तथा विषमपोषी पोषण में क्या अंतर है?
34. ऑक्सो श्वसन (वायवीय) और अनॉक्सी प्रवसन (अवायवीच) में अंतर स्पष्ट करें।
35.रक्त और लसीका में अंतर लिखिए