Class 10 chapter 04 कार्बन एवं उसके यौगिक Subjective Question

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   कार्बन एवं उसके यौगिक Subjective Question

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[1] क्या आप डिटर्जेंट का उपयोग कर बता सकते हैं कि कोई जल कठोर है या नहीं ?

उत्तर ⇒ अपमार्जक (डिटर्जेंट) लंबी कार्बोक्सिलिक अम्ल श्रृंखला के अमोनियम एवं सल्फोनेट लवण होते हैं। इन यौगिकों का आवेशित सिरा कठोर जल में उपस्थित कैल्शियम एवं मैग्नीशियम आयनों के साथ घुलनशील पदार्थ नहीं बनाते हैं। कठोर जल में भी अपमार्जक प्रभावी बने रहते हैं। ऐसी अवस्था में डिटर्जेंट का उपयोग कर कोई जल कठोर है, इसके बारे में कहना कठिन है।

[2] सिरका क्या है ? इसके उपयोग को लिखे।

उत्तर ⇒ सिरका एथेनॉइक अम्ल का तनु गोल है। इसमें अन्य पदार्थ जैसे एस्टर, शर्करा, जेक्सट्रीन आदि तथा अन्य अम्ल घुले होते हैं।
सिरके का उपयोग— सुगंध पैदा करने वाले पदार्थ और आचार आदि में परिरक्षक के रूप में भी किया जाता है।

[3] समावयवी क्या है ?

उत्तर ⇒ कुछ ऐसे कार्बनिक यौगिक होते हैं जिनके अनुसूत्र तो समान होते हैं लेकिन उनके संरचना सूत्र भिन्न – भिन्न होते हैं। यह यौगीक एक दूसरे के समावयवी कहे जाते हैं। यह गुण समावयवता कहलाती है। जैसे एथिल एल्कोहल और डाइमिथायल ईथर। इसके अनुसूत्र C2H6O हैं।

[4] कठोर जल को साबुन से उपचारित करने पर झाग के निर्माण को समझाइए।

उत्तर ⇒ कठोर जल के साथ साबुन को उपचारित करने पर झाग जल्द नहीं देता है। क्योंकि यह पहले कठोर जल में वर्तमान Ca आयन और Mg आयन से अभिक्रिया कर अघुलनशील अवक्षेप देता है। यह अवक्षेप फैटी एसिड का Ca और Mg लवन है। ऐसी अवस्था में अधिक साबुन खर्च करने पर झाग उत्पन्न होता है।

[5] ईंधन के रूप में एल्कोहल का इस्तेमाल कैसे किया जाता है ?

उत्तर ⇒ गन्ना सूर्य के प्रकाश में रासायनिक ऊर्जा में बदलने में सर्वाधिक सक्षम होता है। गन्ने का रस (सिरका) बनाने के उपयोग में लाया जाता है जिसका किण्वन करके एल्कोहल तैयार किया जाता है। कुछ देशों में एल्कोहल में पेट्रोल मिलाकर स्वच्छ ईंधन के रूप में उपयोग किया जाता है। यह ईंधन पर्याप्त ऑक्सीजन होने पर केवल कार्बन डाइऑक्साइड एवं जल उत्पन्न करता है।

[6] सह- संयोजी आबंध किसे कहते हैं ?

उत्तर ⇒ दो परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रॉन की एक युग्म की साझेदारी के द्वारा बनाने वाले आबंध सहसंयोजी आबंध कहलाते हैं। सह संयोजी आबंध वाले अणुओ में भीतर तो प्रबल आबंध होता है लेकिन इनका अंतराणुक बल कम होता है। इन यौगिकों के क्वथनांक और गलनांक कम होते हैं। चूँकी परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी होती है और आवेशित कण बनते हैं। ऐसे यौगिक विद्युत के कुचालक होते हैं।

[7] हीरा और ग्रेफाइट के गुणों में अंतर होने के क्या कारण है ?

उत्तर ⇒ हीरा में प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य परमाणुओ से जुड़ा होता है। इसका प्रकार एक दृढ़ त्रिआयमी संरचना बनाती है। अतः हीरा अत्यंत कठोर होता है।
ग्रेफाइट में कार्बन परमाणु अन्य तीन कार्बन परमाणुओं से जुड़ा होता है। अतः यह हेक्सागोनल प्लेटो के रूप में रवा बनाता है। प्लेटो के बीच इलेक्ट्रॉन भरे रहने के कारण यह सुचालक भी है।

[8] एथनॉल के कुछ उपयोगों को लिखें।

उत्तर ⇒ (i) इसका उपयोग टिंचर आयोडीन, कफ सिरप, टॉनिक आदि औषधियों के बनाने में होता है।

(ii) इसका उपयोग पीने में होता है।

(iii) शुद्ध एल्कोहल का उपयोग घातक है।

[9] समजातीय श्रेणी किसे कहते हैं ?

उत्तर ⇒ कार्बन के यौगिकों का एक ऐसा समूह होता है जिसकी संरचनाएं तथा रासायनिक गुण समरूप होता है तथा दो क्रमागत सदस्यों के बीच CH2 का अंतर होता है, समजातीय श्रेणी कहते हैं। उदाहरण— एल्केन्स का समजातीय श्रेणी CH4 , C2H6 , C3H8 आदि है जिसके क्रमागत सदस्यों के बीच सदा — CH2 का अंतर है।

[10] कार्बन के कितने अपरूप हैं। इनमें से कौन अधिक कठोर और कौन मुलायम है ?

उत्तर ⇒ कार्बन के मुख्यतः दो अपरूप है — हीरा और ग्रेफाइट। हीरा काफी कठोर और ग्रेफाइट मुलायम होता है। हीरे का उपयोग गाना बनाने में और ग्रेफाइट का उपयोग लुब्रिकेंट के रूप में होता है।

[11] डिटर्जेंट कठोर जल में झाग क्यों देता है ?

उत्तर ⇒ अपमार्जक के अणु साबुन के अणु के समान होता है। यह सल्फोनेट आयन से बने होते हैं। एक कठोर जल में भी झाग का निर्माण कर साबुन के समान क्रिया करता है तथा झाग उत्पन्न करता है।

[12] समावयवता किसे कहते हैं ?

उत्तर ⇒ समान आणविक सूत्र लेकिन विभिन्न संरचना वाले ऐसे यौगिक संरचनात्मक समावयन कहलाते हैं। ये दो यौगिक ब्यूटेन के समावयवी कहे जाते हैं। ब्यूटेन के दो समावयवी नॉर्मल ब्यूटेन और आइसो ब्यूटेन है। इस गुण को समावयवता कहते हैं।

[13] कार्बनिक यौगिकों के कुछ गुणों को लिखें।

उत्तर ⇒ कार्बनिक यौगिकों के निम्नांकित गुण हैं —

(i) अधिकांश कार्बनिक यौगिक अच्छे विद्युत के चालक नहीं होते हैं।

(ii) इनके गलनांक एवं क्वथनांक निम्न होते हैं।

(iii) इनके परमाणुओं के बीच प्रबल आकर्षण बल नहीं होते हैं।

(iv) इन यौगिकों के आबंध से आयन की उत्पत्ति नहीं होती है।

(v) यह जल में घुलनशील नहीं होते हैं लेकिन पेट्रोल, डीजल, कार्बन डाइसल्फाइड जैसे — कार्बनिक पदार्थों में घुलनशील होते हैं।

[14] कार्बनिक यौगिकों की संख्या इतनी अधिक क्यों है ?

उत्तर ⇒ क्योंकि कार्बन परमाणु अन्य परमाणुओं के साथ इलेक्ट्रॉनों को साझा कर यौगिक बनाते हैं। यही कारण है कि कार्बनिक यौगिकों की संख्या इतनी अधिक है।

[15] कार्बनिक यौगिकों के क्वथनांक और गलनांक कम होते हैं इससे इनकी प्रकृति के बारे में क्या कहा जा सकता है ?

उत्तर ⇒ कार्बनिक यौगिकों के क्वथनांक और गलनांक निम्न होने का कारण है कि इन यौगिकों के अणुओं के बीच प्रबल बंधन नहीं होते हैं। अतः बंधन बनाने के लिए आयनों का निर्माण नहीं करता है।

[16] एथनॉइक अम्ल के भौतिक गुण धर्मों को लिखें।

उत्तर ⇒ एथनॉइक अम्ल को साधारणतः एसिटीक एसिटिक अम्ल कहा जाता है। यह अम्ल कार्बोक्सिलिक अम्ल समूह से संबंधित है। एसिटिक अम्ल के 3 – 4% विलियन को सिरका कहा जाता है। यह आचार में परिरक्षक का काम करता है। शुद्ध एथनॉइक अम्ल का गलनांक 290k होता है। सीट के मौसम में यह कम जाता है। इसलिए इसे ग्लैशियल एसिटिक अम्ल कहा जाता है। खनिज अम्ल की तुलना में इसकी अम्लीयता दुर्बल है। यह आयनीकृत नहीं होता है। यह जल में आसानी से घुल जाता है।

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