History supporting material solution chapter 4th-विचारक, विश्वास और इमारतें (Thinkers, beliefs and buildings Cultural Development ) Class 12th notes in hindi
लघु उत्तरीय प्रश्न ( 1 अंक वाले )
प्रश्न 1 . स्तूप की कोई एक विशेषता बताइए ?
उत्तर - आरंभ में स्तूप टीले होते थे यह बौद्ध धर्म में पवित्र स्थान में जाते थे
प्रश्न 2 . प्राचीन भारत में किन दो धर्मों का उत्थान हुआ?
उत्तर – जैन और बौद्ध धर्म
प्रश्न 3 . छठी शताब्दी ई. पूर्व से भारत में जैन और बौद्ध धर्म के उदय के दो कारण बताइए I
- उत्तर – जाति प्रथा
- हिंदू धर्म में कुरीतियां
प्रश्न 4 . त्रिपिटक क्या है ? संख्या में कितने हैं ?
उत्तर - त्रिपिटक बौद्ध ग्रंथ है इनकी संख्या 3 है
प्रश्न 5 . ' नियतिवादी ' और ‘ भौतिकवादी ’ विचारकों की मुख्य विशेषताएं क्या थी ?
उत्तर – नियतिवादी यह मानते है कि सब कुछ पूर्व निर्धारित है भौतिकवादी यह मानते है कि मनुष्य चार तत्व से बना है
प्रश्न 6 . चैत्य से आप क्या समझते हैं ?
- उत्तर - बहुत प्राचीन काल से ही लोग कुछ जगह को पवित्र मानते थे
- अक्सर यहां खास वनस्पति, अनूठी चट्टानें, विस्मयकारी प्राकृतिक सौंदर्य होता था
- यह स्थान पवित्र बन जाते थे
- कुछ स्थलों पर एक छोटी सी वेदी भी बनी होती थी
- जिन्हें कभी-कभी चैत्य कहा जाता था
प्रश्न 7 . विहार किसे कहते हैं ?
उत्तर – जहाँ बौध भिक्षु निवास करते थे
प्रश्न 8 . स्तूप से आप क्या समझते हैं ?
- उत्तर - आरंभ में स्तूप वस्तुतः टीले होते थे
- लेकिन बाद में यह पवित्र बौद्ध स्थल बन गए
- यहां बुद्ध से जुड़े अवशेषों को गाड़ दिया जाता था
प्रश्न 9 . जेम्स फर्गुसन किस प्रकार साँची को समझने में भूल कर गए ?
- उत्तर - जेम्स फर्गुसन ने सांची को वृक्ष और सर्प पूजा का केंद्र माना था
- वे बौद्ध साहित्य के बारे में नहीं जानते थे
- क्युकी जब तक बौद्ध ग्रंथों का अनुवाद नहीं हुआ था
प्रश्न 10 . मध्यप्रदेश में भोपाल के पास प्रसिद्ध _________ का स्तूप है?
उत्तर - सांची का स्तूप
बहुविकल्पीय प्रश्न ( 1 अंक वाले )
प्रश्न 11 . ईसा की प्रथम सदी के बाद बौद्ध धर्म बंट गया ?
क ) अलवार और नयनार में
ख ) हीनयान और वज्रयान में
ग ) महायान और वज्रयान में
घ ) हीनयान और महायान में
ANS- (घ )
प्रश्न 12 . त्रिपिटक का शाब्दिक अर्थ है ?
क ) चार टोकरियां
ख ) तीन पत्ते
ग ) तीन टोकरियां
घ ) तीन फूल
ANS- ( ग )
प्रश्न 13 . बुद्धचरित के रचयिता थे
क ) गौतम बुध
ख ) अश्वघोष
ग ) महावीर
घ ) पार्श्वनाथ
ANS- (ख )
प्रश्न 14 . बुद्ध के उपदेश शमिल है
क ) सुत पिटक में
ख ) विनय पिटक में
ग ) अभिधम्म पिटक में
घ ) इनमे से कोई नही
ANS- ( क )
प्रश्न 15 . कलकत्ता में इंडियन म्यूजियम की स्थापना कब हुई ?
क ) 1614 में
ख ) 1714 में
ग ) 1814 में
घ ) 1914 में
ANS- ( ग )
प्रश्न 16. सांची को विश्वकला दाय स्थान घोषित किया गया ?
क ) 1889 में
ख ) 1950 में
ग ) 1850 में
घ ) 1989 में
ANS- ( घ )
प्रश्न 17. उचित क्रम चुनिए
i) राष्ट्रीय संग्रहालय नई दिल्ली की नींव रखी गई
ii) इंडियन म्यूजियम कोलकाता की स्थापना
iii) कनिंघम ने भिलसा टॉप्स किताब लिखी
iv) गवर्नमेंट म्यूजियम मद्रास की स्थापना
निम्न में से उचित क्रम चुनिए
क ) II , IV, III , I
ख ) III , IV ,II , I
ग ) II , IV , I , III
घ ) I , II , III , IV
ANS- ( क )
प्रश्न 18. उचित क्रम चुनिए
i) सबसे पुराने मंदिर
ii) बौद्ध एवम जैन धर्म का आगमन
iii) प्रारंभिक वैदिक परंपराएं
iv) आरंभिक स्तूप
उचित क्रम है
क ) III , II , I , IV
ख ) III , II , IV , I
ग ) III , I , IV , II
घ ) II , I , III , IV
ANS- ( ख )
प्रश्न 19 . युग्म सुमेलित कीजिए :
प्रश्न 19 . सही युग्म है
क ) I-4 , ll-1 , III-2 , IV-3
ख ) I-2 , ll-3 , III-4 , IV-1
ग ) I-2 , ll-1 , III-3 , IV-4
घ ) I-1 , ll-2 , III-3 , IV-4
ANS- ( क )
प्रश्न 20 . युग्म सुमेलित कीजिए :
सही युग्म है
क ) I-1 , ll-2 , III-3 , IV-4
ख ) I-3 , ll-2 , III-1 , IV-4
ग ) I-1 , ll-3 , III-2 , IV-4
घ ) I-4 , ll-1 , III-3 , IV-2
ANS- (घ )
लघु उत्तरीय प्रश्न ( 3 अंक वाले )
1. भोपाल की बेगमों ने सांची के स्तूप के संरक्षण में क्या योगदान दिया ? तीन बिंदुओं द्वारा स्पष्ट कीजिए
- फ्रांसीसी और अंग्रेज दोनों को प्लास्टर प्रतिकृति दी
- शाहजहां बेगम और सुलतांजहा बेगम ने धन का अनुदान किया था
- सुल्तानजहा बेगम ने वहां एक संग्रहालय का निर्माण करने के लिए अनुदान दिया
- अतिथिशाला बनवाने के लिए अनुदान दिया
2. बौद्ध धर्म के तेजी से प्रसार के कारणों का विवरण दीजिए?
- लोग समकालीन धार्मिक प्रथाओं से संतुष्ट नहीं थे
- बौद्ध धर्म में जन्म के आधार पर श्रेष्ठता की बजाय, अच्छे आचरण पर बल दिया गया इस लिए लोग इसकी तरफ आकर्षित हुए
- खुद से छोटे और कमजोर के प्रति मित्रता, करुणा का भाव समानता,
- जाति प्रथा का ने होना
3. जैन धर्म के संस्थापक कौन थे ? भारतीय समाज पर जैन धर्म का क्या प्रभाव पड़ा?
- संस्थापक - स्वामी ऋषभदेव
- प्रभाव –
- अहिंसा का मार्ग
- कर्म द्वारा जन्म पुनर्जन्म का निर्धारण
4. गौतम बुद्ध द्वारा दिए गए मध्यम मार्ग के लिए मुख्य सिद्धांत क्या थे? किन्ही तीन का वर्णन कीजिए।
- बुद्ध के अनुसार राजा और गृहपतियो को दयावान होना
- अहम और इच्छा का त्याग करना चाहिए
- खुद ही अपनी मुक्ति का रास्ता ढूंढो
5. ‘हीनयान’ और ‘महायान’ के बीच प्रमुख अंतर स्पष्ट कीजिए।
6.‘बौद्ध कालीन’ मूर्तिकला की मुख्य विशेषताएं क्या थी ? किन्हीं तीन का उल्लेख कीजिए।
- 1- कई मूर्तिकारों ने बुद्ध को मानवरूप में ना दिखाकर प्रतीकों से उन्हें दर्शाया है
- 2- हर प्रतीक का एक अर्थ है
- 3- जो को बुद्ध के जीवन से संबंधित है
7. स्तूप की रचना किस प्रकार की जाती थी ?
- स्तूप दान से बनाए जाते थे
- अर्धगोलाकार ( टीले की आकृति ) के स्तूप बनाए जाते थे
- तोरणद्वार बनाए जाते थे
- इन्हें चारो तरफ से घेरा जाता था
8 छठी शताब्दी ई.पूर्व को भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण क्यों माना जाता है?
- जैन धर्म
- बौद्ध धर्म
- प्रारम्भिक उपनिषद
9. बौद्ध संघ में ‘भिक्खुओं’ और ‘भिक्खुनियों’ को किन नियमों का पालन करना पड़ता था
- भिखु भिखुनी के नियम विनय पिटक में मिले है –
- सादा जीवन बिताना होता था
- जीवनयापन के लिए आवश्यक वस्तु रखते थे
- एक कटोरा
- भिक्षु बनने के बाद पुरानी पहचान छोड़नी पड़ती थी
10 जैन धर्म की कोई तीन महत्वपूर्ण शिक्षाएं लिखिए ?
- संपूर्ण विश्व को प्राणवान मानना
- हिंसा न करना
- हत्या न करना
- चोरी ना करना
- झूठ ना बोलना
- ब्रह्मचर्य का पालन करना
- धन संग्रह ना करना
11 आप कैसे कह सकते हैं कि सांची की मूर्तिकला की चाबी बौद्ध साहित्य में मिलती है। कोई तीन कारण लिखिए
- इतिहासकारों ने सांची की मूर्तिकला को समझने के लिए वेसांतर जातक का अध्ययन किया है
- इतिहासकार किसी मूर्तिकला की व्याख्या लिखित साक्ष्यों के साथ तुलना के द्वारा करते थे
- सांची में कुछ ऐसी मूर्तियां भी मिली है जिसका संबंध बौद्ध धर्म से नहीं था
- इतिहासकारों ने यह पता लगाया जो लोग बौद्ध धर्म में आए उन्होंने बुद्ध पूर्व और बौद्ध धर्म से पहले दूसरे प्रथा और विश्वास मानते थे
12 वैष्णववाद विचारधारा की तीन महत्वपूर्ण विशेषताएं लिखिए।
- वैष्णववाद विचारधारा में भगवान विष्णु को महत्वपूर्ण देवता माना जाता है
- वैष्णववाद में दशावतार की कल्पना की जाती है
- कई अवतार को मूर्तियों के रूप में दिखाया गया है
- कई बार इन्हें मनुष्य के रूप में दिखाया गया
13 स्तूप किस धर्म से संबंधित होते थे ? इन्हें क्यों बनाया जाता था ? कोई दो कारण दीजिए I
- स्तूप बौद्ध धर्म से संबंधित होते थे
- स्तूप में बुद्ध से जुड़े अवशेष को गाड़ दिया जाता था
- स्तूप बनाने की परंपरा पहले से थी लेकिन यह बाद में बौद्ध धर्म से जुड़ गई
14 600 ई. पूर्व से 600 ईसवी तक के भारतीय दर्शन की कोई तीन प्रमुख विशेषताएं बताइए।
- जैन धर्म, बौद्ध धर्म,
- प्रारम्भिक उपनिषद, आरंभिक स्तूप, महायान मत का विकास,
- वैष्णववाद, शैववाद,
- देवी पूजन परंपरा
15 बौद्ध ग्रंथ किस प्रकार तैयार एवं संरक्षित किए जाते थे ?
- भगवान बुद्ध की मृत्यु के बाद उनके शिष्यों ने ज्येष्ठ ने एक सभा वैशाली में बुलाई
- वहां पर ही उनकी शिक्षाओं का संकलन किया गया
- इन संग्रह को त्रिपिटक कहा जाता है
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ( 8 अंक वाले )
1 जैन धर्म की उत्पत्ति, शिक्षाओं तथा विस्तार की जानकारी दीजिए ?
जैन धर्म की उत्पत्ति
- जैन धर्म के संस्थापक स्वामी ऋषभदेव है
- जैन धर्म, बौद्ध धर्म से पहले आया था
- जैन धर्म में 24 तीर्थंकर हुए हैं
- 24 वे तीर्थकर महावीर जी थे
जैन धर्म की शिक्षाएं -
जैन धर्म के अनुसार संपूर्ण विश्व को प्राणवान माना जाता है
यह माना जाता है कि पत्थर चट्टान और जल में भी जीवन होता है
जीवों के प्रति अहिंसा खासकर इंसान और जानवरों पेड़ पौधों और कीड़ों मकोड़ों को ना मारना जैन दर्शन का केंद्र बिंदु है
1- हिंसा न करना
2- हत्या न करना
3- चोरी ना करना
4- झूठ ना बोलना
5- ब्रह्मचर्य का पालन करना
6- धन संग्रह ना करना
जैन धर्म का विस्तार -
- जैन धर्म भारत के कई हिस्सों में फैल गया
- यह भारत से अन्य देशों में भी फैला लेकिन बौद्ध धर्म के जितना नहीं फ़ैल पाया
- बौद्धों की तरह जैन विद्वानों ने प्राकृत, संस्कृत, तमिल जैसी अनेक भाषाओं में काफी साहित्य का सृजन किया
2 पौराणिक हिंदू धर्म का उदय किस प्रकार हुआ ? इसकी मुख्य विशेषताएं बताओ।
- पौराणिक हिंदू धर्म का उद्देश्य वैदिक धर्म को सरल करके आम जनता के सामने प्रस्तुत करना था
- इसका वर्णन पुराणों में मिलता है
- इसमें वैष्णव और शैव परंपरा शामिल है
- वैष्णव - विष्णु सबसे महत्वपूर्ण देवता
- शैव - शिव को परमेश्वर माना गया
- इसमें विशेष देवता की पूजा को खास महत्व दिया जाता था
- इस प्रकार की आराधना में उपासना और ईश्वर के बीच का रिश्ता प्रेम और समर्पण का रिश्ता माना जाता था जिसे भक्ति कहते हैं
- वैष्णववाद में दस अवतार की कल्पना है
- यह माना जाता था कि पापियों के बढ़ते प्रभाव के चलते जब दुनिया में अव्यवस्था और नाश की स्थिति आ जाती थी
- तब विश्व की रक्षा के लिए भगवान अलग-अलग रूपों में अवतार लेते थे
- यह अलग-अलग अवतार देश के अलग-अलग हिस्सों में लोकप्रिय थे
- कई अवतारों को मूर्तियों के रूप में दिखाया गया है
- शिव को उनके प्रतीक लिंग के रूप में बनाया जाता था
- कई बार शिव को मनुष्य के रूप में भी दिखाया गया है
3 बौद्ध धर्म की भारतीय समाज एवं संस्कृति को क्या देन है ? स्पष्ट कीजिए I
- बौद्ध धर्म की शिक्षाओं का भारतीय समाज और संस्कृति पर गहरा प्रभाव पड़ा है
- भगवान बुद्ध ने मध्यम मार्ग अपनाने की बात कही
- धार्मिक आडंबरों को अस्वीकार किया
- बौद्ध दर्शन के अनुसार विश्व अनित्य हैं और लगातार बदल रहा है यहां कुछ भी स्थाई और शाश्वत नहीं है
- इन्होंने घोर तपस्या और विश्व शक्ति के बीच मध्य मार्ग अपनाने की बात कही
- जाति प्रथा को बौद्ध धर्म ने अस्वीकार किया
- बुद्ध ने कहा कि समाज का निर्माण इंसानों ने किया है ना की ईश्वर ने
- बुद्ध ने राजाओं और गृहपतियों को दयावान होने की सलाह दी
- बुद्ध ने अपने शिष्यों को निर्देश दिया तुम सब अपने लिए खुद ही ज्योति बनो क्योंकि तुम्हें खुद ही अपनी मुक्ति का रास्ता ढूंढना है
4 बौद्ध धर्म के संगठन एवं नियमों पर संक्षेप में प्रकाश डालिए I
- बुद्ध के शिष्यों का दल तैयार हो गया इसलिए उन्होंने संघ की स्थापना की
- यह सादा जीवन बिताते थे
- इनके पास केवल जीवन यापन के लिए आवश्यक चीजें होती थी
- प्रारंभ में सिर्फ पुरुष ही संघ में शामिल हो सकते थे बाद में महिलाओं को शामिल होने की अनुमति मिल गई थी
- जो एक बार भिक्खु बन जाता था उसे अपनी पुरानी पहचान त्याग देनी होती थी
5 स्तूप क्यों बनाए जाते थे ? इन की संरचना से संबंधित विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- स्तूप बौद्ध धर्म से संबंधित होते थे
- स्तूप में बुद्ध से जुड़े अवशेष को गाड़ दिया जाता था
- स्तूप बनाने की परंपरा पहले से थी
- लेकिन यह बाद में बौद्ध धर्म से जुड़ गई
स्तूप की संरचना
- स्तूप का संस्कृत अर्थ टीला होता है इसे अंड भी कहा गया है
- धीरे-धीरे इसकी संरचना ज्यादा जटिल हो गई
- इसमें कई चौकोर और गोल आकारों का संतुलन बनाया गया
- अंड के ऊपर एक हार्मिका होती थी
- यह छज्जे जैसा ढांचा देवताओं के घर का प्रतीक था
- किले के चारों ओर एक वेदिका होती थी जो पवित्र स्थल को सामान्य दुनिया से अलग करती थी
- बाद में इनमें तोरणद्वार भी बनाए गए
- तोरणद्वार पर नक्काशी की गई
- यह स्तूप बौद्ध धर्म में पवित्र स्थान माने जाते हैं